जरुरी जानकारी | कमजोर वैश्विक रुख से सेंसेक्स 1,017 अंक टूटकर दो सप्ताह के निचले स्तर पर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और विदेशी कोषों की ताजा निकासी की वजह से शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई। मानक सूचकांक सेंसेक्स 1,017 अंक लुढ़क गया, जबकि निफ्टी ने 293 अंक का गोता लगाया।
मुंबई, छह सितंबर वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और विदेशी कोषों की ताजा निकासी की वजह से शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई। मानक सूचकांक सेंसेक्स 1,017 अंक लुढ़क गया, जबकि निफ्टी ने 293 अंक का गोता लगाया।
कारोबारियों ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), तेल एवं गैस कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में बिकवाली आने से स्थानीय बाजार में बड़ी गिरावट आई।
बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 1,017.23 अंक या 1.24 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 81,183.93 अंक पर बंद हुआ। यह दो सप्ताह का सबसे निचला बंद स्तर है। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 1,219.23 अंक फिसलकर 80,981.93 अंक पर आ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी 292.95 अंक यानी 1.17 प्रतिशत गिरकर 24,852.15 अंक पर आ गया। यह निफ्टी में गिरावट का लगातार तीसरा सत्र रहा।
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में सर्वाधिक चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा एनटीपीसी, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एक्सिस बैंक और आईटीसी के शेयरों में भी नुकसान रहा।
दूसरी तरफ बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील और मारुति सुजुकी के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘एफआईआई खुलासा मानकों पर सेबी की समयसीमा के कारण घरेलू बाजार में घबराहट रही। हालांकि, इससे दीर्घावधि में एफआईआई के बीच भारत को लेकर आकर्षण पर कोई असर पड़ने की आशंका नहीं है।’’
नायर ने कहा कि बाजार को तेजी देने वाले नए कारकों के अभाव और ऊंचे मूल्यांकन की वजह से अल्पावधि में एक निष्क्रिय रुझान जारी रहने की उम्मीद है। वैश्विक बाजार भी अमेरिका के गैर-कृषि रोजगार आंकड़े आने से पहले सतर्क रुख अपना रहे हैं।
बिकवाली के इस व्यापक दौर में बैंकिंग और ऊर्जा क्षेत्र को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ। व्यापक सूचकांकों में भी गिरावट देखी गई, जिनमें से प्रत्येक को एक प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि अमेरिकी बाजारों में हालिया कमजोरी ने भारतीय बाजारों की रफ्तार धीमी कर दी है। इसकी वजह से बाजार प्रतिभागी नौकरियों के आंकड़ों से पहले सतर्क हो गए हैं।
व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक में 1.41 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि बीएसई स्मॉलकैप 0.96 प्रतिशत के नुकसान में रहा।
क्षेत्रवार सूचकांकों में दूरसंचार खंड 3.23 प्रतिशत की गिरावट पर रहा जबकि तेल एवं गैस खंड में 2.19 प्रतिशत और बैंकिंग खंड में 1.93 प्रतिशत की गिरावट रही।
इस तरह कारोबारी सप्ताह का समापन बड़े नुकसान के साथ हुआ। इस सप्ताह में बीएसई सेंसेक्स में 1,181.84 अंक यानी 1.43 प्रतिशत जबकि एनएसई निफ्टी में 383.75 अंक यानी 1.52 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग में भी गिरावट दर्ज की गई।
यूरोप के अधिकांश बाजार दोपहर के सत्र में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। अधिकांश अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को नकारात्मक दायरे में बंद हुए थे।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 688.69 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की।
इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.14 प्रतिशत बढ़कर 72.79 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 151.48 अंक गिरकर 82,201.16 अंक पर और एनएसई निफ्टी 53.60 अंक घटकर 25,145.10 अंक पर बंद हुआ था।
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