चमगादड़ों में 6 नए कोरोना विषाणुओं की खोज, वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा

‘पीएलओएस वन’ में प्रकाशित अनुसंधान रिपोर्ट चमगादड़ों में कोरोना विषाणुओं की विविधता को समझने और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर संक्रामक रोग का पता लगाने, इसे रोकने और इसका इलाज ढूंढ़ने के वैश्विक प्रयासों में मदद करेगी.

चमगादड़ (Photo Credits: Montfort Bat Sanctuary/Facebook)

वाशिंगटन: वैज्ञानिकों ने म्यामां में चमगादड़ों (Bat) में छह नए कोरोना विषाणुओं की खोज की है. दुनिया में यह पहली बार है जब कहीं ये विषाणु मिले हैं. पत्रिका ‘पीएलओएस वन’ में प्रकाशित अनुसंधान रिपोर्ट चमगादड़ों में कोरोना विषाणुओं की विविधता को समझने और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर संक्रामक रोग का पता लगाने, इसे रोकने और इसका इलाज ढूंढ़ने के वैश्विक प्रयासों में मदद करेगी.

स्मिथसोनियंस नेशनल जू और अमेरिका स्थित कंजर्वेशन बॉयलॉजी इंस्टिट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं का यह अनुसंधान मानव स्वास्थ्य के प्रति जोखिम को बेहतर रूप से समझने के लिए समूची प्रजातियों में प्रसार की संभावना के मूल्यांकन में सहायता करेगा. कोरोना वायरस: अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी को कच्चे तेल की मांग में रिकॉर्ड गिरावट की आशंका

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि खोजे गए नए कोरोना वायरस सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स कोव-1), मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एमईआरएस) और सार्स-कोव-2 संबंधित कोरोना विषाणुओं के करीबी संबंधी नहीं हैं.

स्मिथसोनियंस ग्लोबल हेल्थ प्रोग्राम से जुड़े पूर्व वन्यजीव चिकित्सक एवं अनुसंधान रिपोर्ट के अग्रणी लेखकर मार्क वैलिटुटो ने कहा, ‘‘विषाणुजनित महामारी हमें याद दिलाती है कि मानव स्वास्थ्य कितना करीब से वन्यजीव स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ा है.’’

अनुसंधानकर्ताओं को इन नए विषाणुओं के बारे में तब पता चला जब वे बीमारी की परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझने के लिए मानव और जानवरों से संबंधित निगरानी कार्य कर रहे थे.

वैज्ञानिकों की टीम ने अपना अनुसंधान म्यामां के उन स्थलों पर केंद्रित किया जहां भूमि उपयोग में बदलाव और विकास की वजह से मनुष्यों के स्थानीय वन्यजीवों के संपर्क में आने की अधिक संभावना होती है.

मई 2016 से अगस्त 2018 तक उन्होंने इन क्षेत्रों में चमगादड़ों की लार और मल के 750 से अधिक नमूने लिए.

विशेषज्ञों का अनुमान है कि चमगादड़ों में हजारों तरह के कोरोना वायरस होते हैं जिनमें से अनेक की अभी खोज होनी बाकी है.

अनुसंधानकर्ताओं ने नमूनों का परीक्षण किया और इनकी तुलना ज्ञात कोरोना विषाणुओं से की और पहली बार छह नए कोरोना विषाणुओं की पहचान की.

टीम ने एक ऐसे कोरोना वायरस का भी पता लगाया जो दक्षिण-पूर्वी एशिया में अन्यत्र मिलता था, लेकिन म्यामां में इससे पहले कभी नहीं मिला.

कोरोना विषाणुओं की वजह से दुनिया में मनुष्यों को सार्स कोव-1, एमईआरएस और मौजूदा समय में कहर बरपा रही कोविड-19 जैसी व्यापक बीमारियों का सामना करना पड़ा है.

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