जरुरी जानकारी | रुपया चार पैसे टूटकर 85.79 प्रति डॉलर के अबतक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में शुक्रवार रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले चार पैसे टूटकर अबतक के सबसे निचले स्तर 85.79 पर बंद हुआ। आयातकों की मजबूत डॉलर मांग और घरेलू शेयर बाजारों में नरम रुख के कारण निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई।

मुंबई, तीन जनवरी अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में शुक्रवार रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले चार पैसे टूटकर अबतक के सबसे निचले स्तर 85.79 पर बंद हुआ। आयातकों की मजबूत डॉलर मांग और घरेलू शेयर बाजारों में नरम रुख के कारण निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि वर्ष 2024 के दौरान अधिकांश मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में मजबूती दर्ज की गई और इस साल भी इसमें मजबूती बनी हुई है।

अमेरिकी डॉलर सूचकांक महत्वपूर्ण 109 अंक के स्तर को पार कर गया। अमेरिकी मुद्रा में तेजी का रुख ब्याज दर में कम कटौती की उम्मीद और अमेरिकी अर्थव्यवस्था के वैश्विक स्तर पर अन्य विकसित देशों से बेहतर प्रदर्शन करने की सोच पर आधारित है।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोर रुख के साथ 85.77 रुपये पर खुला और कारोबार के दौरान 85.73 के ऊपरी स्तर और 85.80 के निचले स्तर तक आया।

रुपया कारोबार के अंत में 85.79 प्रति डॉलर के अब तक सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से चार पैसे की गिरावट है।

कारोबारियों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से डॉलर बिकवाली करने की खबरों से निचले स्तर पर रुपये को समर्थन मिला।

बृहस्पतिवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 11 पैसे गिरकर 85.75 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था। रुपये ने इससे पहले 27 दिसंबर को दिन के कारोबार के दौरान, डॉलर के मुकाबले 85.80 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर चला गया था।

कारोबारियों ने कहा कि बाजार का ध्यान अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर रहेगा। इससे वृद्धि को बढ़ावा मिल सकता है, लेकिन कीमतों पर दबाव भी बढ़ सकता है और इससे अमेरिकी फेडरल रिजर्व को ब्याज दर में कटौती पर लंबे समय तक रोक लगानी पड़ सकती है।

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि मजबूत अमेरिकी डॉलर और आयातकों की डॉलर मांग के कारण रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी भी रुपये पर दबाव डाल सकती है। हालांकि, आरबीआई द्वारा आगे कोई भी हस्तक्षेप रुपये को निचले स्तरों पर सहारा दे सकता है।’’

चौधरी ने कहा कि डॉलर-रुपया हाजिर मूल्य 85.60-86.00 के दायरे में रहने की संभावना है।

इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.33 प्रतिशत गिरावट के साथ 109.03 पर कारोबार कर रहा था।

वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.43 प्रतिशत गिरकर 75.60 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर रहा।

बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार सकारात्मक शुरुआत के बावजूद 720.60 अंक यानी 0.90 प्रतिशत गिरकर 79,223.11 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 183.90 अंक यानी 0.76 प्रतिशत गिरकर 24,004.75 पर बंद हुआ।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने शुक्रवार को 4,227.25 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

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