ताजा खबरें | पेगासस मामले और अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों का हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

नयी दिल्ली, दो अगस्त पेगासस जासूसी मामला और केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों समेत कुछ मुद्दों को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।

विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ही सोमवार को सदन ने ‘साधारण बीमा कारबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021’ को मंजूरी दी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘अधिकरण सुधार विधेयक, 2021’ भी पेश किया।

कुछ सदस्यों ने विपक्ष की नारेबाजी के बीच ही नियम 377 के तहत विशेष उल्लेख के माध्यम से अपने विषय रखे।

सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ओलंपिक खेलों में स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू के कांस्य पदक जीतने का उल्लेख किया और बधाई दी जिस पर सभी सदस्यों ने मेजें थपथपाईं।

बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करवाया, वैसे ही विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। उन्होंने ‘जासूसी करना बंद करो’ और ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ के नारे लगाए।

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और कुछ अन्य दलों के सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी, जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए।

सदन में हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष बिरला ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की।

उन्होंने कहा, ‘‘देश की जनता ने आप को चुनकर भेजा है। दो सप्ताह से सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है। जनता के करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। यह सदन चर्चा के लिए है, नारेबाजी के लिए नहीं। आप नारेबाजी कर रहे हैं और तख्तियां दिखा रहे हैं। यह संसदीय परंपराओं के लिए उपयुक्त नहीं है। आप अपने स्थान पर जाइए, आपको चर्चा का पूरा समय दिया जाएगा।’’

हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 11 बजकर 40 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

बैठक पुन: शुरू हुई तो कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य नारेबाजी करते हुए और तख्तियां लहराते हुए आसन के समीप आ गए। स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही।

हंगामे के बीच ही पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हंगामे के बीच ही ‘अधिकरण सुधार (सुव्यवस्थीकरण और सेवा शर्तें) विधेयक’ को वापस लिया और ‘अधिकरण सुधार विधेयक, 2021’ पेश किया।

विधेयक पेश किये जाने का विरोध करते हुए सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार विपक्ष के अधिकारों का दमन करते हुए एक के बाद एक विधेयक हंगामे के बीच ला रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम चर्चा चाहते हैं। लेकिन शुरुआत में पेगासस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए।’’

पीठासीन सभापति सोलंकी ने आसन के समीप विरोध प्रदर्शन कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने का आग्रह किया लेकिन हंगामा नहीं थमा और उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर करीब 12:10 बजे अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी।

बैठक दो बजे फिर से शुरू होने पर भी स्थिति जस की तस रही। पीठासीन सभापति रमा देवी ने हंगामे के बीच ही कुछ सदस्यों को नियम 377 के तहत विशेष उल्लेख के माध्यम से अपने विषय उठाने का अवसर दिया।

इस दौरान विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही और व्यवस्था बनते हुए नहीं देख पीठासीन सभापति ने करीब 2 बजकर 20 मिनट पर कार्यवाही अपराह्न 3:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद फिर शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी पहले की तरह जारी रही। इस हंगामे के बीच वित्त मंत्री सीतारमण ने ‘साधारण बीमा कारबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021’ को चर्चा एवं पारित कराने के लिए रखा।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस विधेयक का विरोध किया और आरोप लगाया कि यह ‘देश विरोधी विधेयक’ है जो पूंजीपतियों की जेब भरने के लिए लाया गया है।

इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी की बात पूरी तरह बेबुनियाद है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार किसी का हक नहीं छीन रही है। कुछ लोग जनता को गुमराह करने के लिए असत्य बोल रहे हैं। अगर चर्चा करनी है तो शांति से बैठें और चर्चा में भाग लें, उसका जवाब मिलेगा।’’

इसके बाद लोकसभा ने ध्वनिमत से विधेयक को पारित कर दिया।

सदन में हंगामा जारी रहने पर पीठासीन सभापति रमा देवी ने सदन की कार्यवाही अपराह्न करीब तीन बजकर 40 मिनट पर मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण 19 जुलाई को संसद का मॉनसून सत्र आरंभ होने के बाद से अब तक सदन की कार्यवाही बाधित रही है। हंगामे के बीच ही सरकार ने कुछ विधेयक पारित कराये हैं।

विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है।

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