देश की खबरें | आरटीआई कार्यकर्ता पर अज्ञात बदमाशों ने हमला किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक आरटीआई कार्यकर्ता पर मंगलवार को कुछ अज्ञात बदमाशों ने हमला कर उनके पैरों में कील ठोक दी।

जयपुर, 22 दिसंबर राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक आरटीआई कार्यकर्ता पर मंगलवार को कुछ अज्ञात बदमाशों ने हमला कर उनके पैरों में कील ठोक दी।

कार्यकर्ता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण व्यास ने बुधवार को राजस्थान के पुलिस महानिदेशक, उदयपुर के आबकारी आयुक्त, बाडमेर जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर मामले में 28 दिसंबर तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम गोदारा का जोधपुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने कुछ समय पहले ही पंचायती राज विभाग में गड़बड़ियों एवं अवैध शराब माफिया को लेकर शिकायत कर कार्यवाही करने की मांग की थी। अमराराम की शिकायत पुलिस ने कार्रवाई करके अवैध शराब जब्त की थी।

अमराराम पर हुए हमले के पीछे अवैध शराब माफिया का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।

बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने बताया कि अमराराम पर हुए हमले के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ गिडा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

उन्होंने बताया, ‘‘गोदारा ने अवैध शराब कारोबार के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके आधार पर कार्रवाई कर कुछ समय पहले अवैध शराब जब्त किया गया। मंगलवार को उन पर कुछ लोगों ने हमला किसा जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गये। उन्हें जोधपुर रेफर किया गया था। चोटों की गंभीरता मेडिकल रिपोर्ट आने पर स्पष्ट होगी।’’

भार्गव ने बुधवार को गांव का दौरा किया और आरोपियों की पहचान और उनकी गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया।

उन्होंने बताया, ‘‘प्रथम दृश्या हमले के पीछे वो लोग हैं जो अवैध व्यापार में शामिल हैं।’’

पाली निवासी एक अन्य कार्यकर्ता ओमाराम बंजारा चोटिया ने बुधवार को पीड़ित कार्यकर्ता की ओर से राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग को चोटों की कुछ तस्वीरों के साथ एक शिकायत भेजी और आरोप लगाया कि आरोपियों ने उनका अपहरण कर उन्हें बुरी तरह पीटा और उनके पैरों में कील ठोंक दी।

बंजारा ने कहा कि पीड़ित गोदारा ने अवैध शराब कारोबारियों के अलावा बाड़मेर में कुम्पालिया ग्राम पंचायत में विकास कार्यों में हुई कथित गड़बड़ियों के बारे में शिकायत की थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि मामले में स्थानीय पुलिस और आबकारी अधिकारियों की भूमिका की जांच की जानी चाहिए।

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