देश की खबरें | बजट में पर्यटन क्षेत्र के लिए 2400 करोड़ रुपये; आतिथ्य क्षेत्र को मिली कुछ राहत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केंद्रीय बजट में पर्यटन मंत्रालय के लिए 2,400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में आवंटित राशि से 18.42 प्रतिशत अधिक है और इससे कोविड महामारी से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र को कुछ हद तक राहत मिली है।

नयी दिल्ली, एक फरवरी केंद्रीय बजट में पर्यटन मंत्रालय के लिए 2,400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में आवंटित राशि से 18.42 प्रतिशत अधिक है और इससे कोविड महामारी से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र को कुछ हद तक राहत मिली है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को मार्च 2023 तक बढ़ा दिया। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि इसके तहत गारंटी कवर को 50,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर कुल पांच लाख करोड़ रुपये किया जाएगा।

अतिरिक्त राशि विशेष रूप से आतिथ्य और संबंधित उद्यमों के लिए होगी।

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, "मैं आत्मनिर्भर भारत का बजट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभारी हूं। भारत आजादी के अमृत महोत्सव के साथ आजादी का 75 साल मना रहा है, हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं और यह बजट भारत के लिए 100वें वर्ष का खाका पेश करता है।"

प्रस्तावित 2400 करोड़ रुपये के आवंटन में से 1,644 करोड़ रुपये पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए और 421.50 करोड़ रुपये प्रचार गतिविधियों के लिए होंगे।

प्रमुख पर्यटन बुनियादी ढांचा संबंधी योजनाओं के लिए बजटीय आवंटन से 1181.30 करोड़ रुपये स्वदेश दर्शन योजना के लिए और 235 करोड़ रुपये तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान (प्रसाद) योजना के लिए रखे गए हैं।

वित्त मंत्री ने बजट में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर राष्ट्रीय ‘रोपवे’ विकास कार्यक्रम चलाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण एवं देखरेख मुश्किल होने के कारण ‘रोपवे’ पारिस्थितिकीय रूप से टिकाऊ विकल्प के रूप में उभरे हैं। इसके लिए सरकार पीपीपी मॉडल पर राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम शुरू करेगी।

उन्होंने कहा कि ‘रोपवे’ विकास कार्यक्रम शुरू करने के पीछे पर्वतीय क्षेत्रों में आवाजाही सुगम बनाने के अलावा पर्यटन को बढ़ावा देने का भी उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में 60 किलोमीटर की लंबाई वाली कुल आठ ‘रोपवे’ परियोजनाओं के ठेके जारी किए जाएंगे।

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