NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा- मुस्लिम बहुल इलाके में विस्फोट संबंधी मेरे बयान से दंगा टाला जा सका था
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘12 मार्च 1993 को, जब मुंबई सिलसिलेवार विस्फोटों से दहल गया था, शरद पवार जी ने एक मुस्लिम इलाके में एक और विस्फोट की कल्पना की. कानून व्यवस्था के बजाय तुष्टिकरण उनकी पहली प्राथमिकता थी. जब हम सांप्रदायिक सौहार्द्र की उम्मीद करते हैं तब इस तरह का यह दोहरा मानदंड क्यों? ’’
जलगांव(महाराष्ट्र): राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने शुक्रवार को कहा कि 12 मार्च 1993 को एक मुस्लिम (Muslim) बहुल इलाके में भी एक विस्फोट (Blast) होने के जिक्र वाले उनके बयान ने मुंबई (Mumbai) में नये सिरे से सांप्रदायिक हिंसा (Communal Violence) नहीं होने दी थी. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने 29 साल पहले पवार द्वारा जानबूझ कर दिये गये एक असत्य बयान का बृहस्पतिवार को हवाला दिया और पवार की पार्टी (राकांपा) पर तुष्टिकरण की राजनीति में संलिप्त रहने का आरोप लगाया.
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘12 मार्च 1993 को, जब मुंबई सिलसिलेवार विस्फोटों से दहल गया था, शरद पवार जी ने एक मुस्लिम इलाके में एक और विस्फोट की कल्पना की. कानून व्यवस्था के बजाय तुष्टिकरण उनकी पहली प्राथमिकता थी. जब हम सांप्रदायिक सौहार्द्र की उम्मीद करते हैं तब इस तरह का यह दोहरा मानदंड क्यों? ’’
इस आरोप के बारे में जलगांव में संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर पवार ने कहा कि उन्होंने ऐसा इसलिए कहा था कि वह शहर में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के बाहरी ताकतों के मंसूबों को नाकाम करना चाहते थे.
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (फडणवीस ने) एक आरोप यह लगाया है कि मैंने घोषणा की थी कि बम विस्फोट 11 स्थानों (वास्तविक संख्या) के बजाय 12 स्थानों पर हुए हैं. मैंने एक मुस्लिम इलाके का (12वें विस्फोट स्थल के रूप में) जिक्र किया था.’’
पवार ने कहा, ‘‘यह सौ फीसदी सही है. मैंने ऐसा कहा था. कारण कि जिन 11 स्थानों पर विस्फोट हुए थे उनमें सिद्धिविनायक मंदिर जैसे हिंदुओं के महत्वपूर्ण स्थान थे.’’
पवार, उस वक्त महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने विस्फोटों में इस्तेमाल की गई सामग्री की व्यक्तिगत रूप से जांच की थी...इस तरह की सामग्री भारत में नहीं बनती. इसका मतलब है कि एक पड़ोसी देश हिंदुओं और मुसलमानों को एक दूसरे से लड़ाना चाहता था और मुंबई को जलाना चाहता था. स्थानीय मुस्लिम इसमें शामिल नहीं थे...मैंने कहा था कि 12वां विस्फोट स्थल मोहम्मद अली रोड है. ताकि दंगा नहीं हो.’’ राकांपा प्रमुख ने शुक्रवार को यह भी कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि फडणवीस उन्हें जातिवाद से क्यों जोड़ रहे हैं.
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