संक्रमित लोगों की संख्या नहीं, अस्पताल में भर्ती होने की दर के आधार पर पांबदियां लगें: उद्योग जगत
उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष संजीव मेहता ने 10 जनवरी को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया को लिखे पत्र में घरों में अलग-थलग रहने की अवधि कम कर 5 दिन करने, पूरी आबादी को बूस्टर खुराक और 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिये टीकाकरण शुरू किये जाने का आग्रह किया.
नई दिल्ली: उद्योग जगत (Industry) ने सरकार (Government) से कोरोनो वायरस (Coronavirus) के नए स्वरूप ओमीक्रॉन (Omicron) की वजह से लगाई जाने वाली पाबंदियों को लोगों के अस्पताल (Hospital) में भर्ती होने की संख्या से जोड़ने को कहा है. उद्योग जगत ने कहा है कि लोगों के संक्रमित होने की दर को देखकर पाबंदियां नहीं लगाई जानी चाहिए. उद्योग जगत निजी कंपनियों के कर्मचारियों से घर से काम करने के लिये कहे जाने, सिनेमा हॉल (Cinema Hall) बंद होने और रेस्तरां में खाना खाने समेत अन्य पाबंदियों के प्रभाव को लेकर चिंतित है. उसका मानना है कि इसका पिछले कुछ महीने से जारी अर्थव्यवस्था (Economy) के पुनरूद्धार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. COVID-19: एक जनवरी से 12 जनवरी के बीच दिल्ली पुलिस के 1700 कर्मी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए : आंकड़े
उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष संजीव मेहता ने 10 जनवरी को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया को लिखे पत्र में घरों में अलग-थलग रहने की अवधि कम कर 5 दिन करने, पूरी आबादी को बूस्टर खुराक और 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिये टीकाकरण शुरू किये जाने का आग्रह किया.
उन्होंने लिखा है, ‘‘कुल संक्रमण दर के आधार पर आवाजाही पर पाबंदी अवांछनीय है. इस संदर्भ में कोई भी निर्णय अस्पतालों में खासकर गंभीर स्थिति वाले मरीजों के लिये उपलब्ध बिस्तरों की स्थिति तथा ऑक्सीजन खपत जैसे अन्य कारकों के आधार पर होना चाहिए.’’
मेहता ने कहा, ‘‘राज्य, शहर या नगरपालिका के स्तर पर एकदम से कदम उठाने से संक्रमण को फैलने से रोकने को लेकर कुछ भी हासिल नहीं होने वाला. उल्टा इससे आर्थिक पुनरुद्धार को लेकर जोखिम है.’’
उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने भी अलग से राज्यों को सुझाव दिया है कि वे संक्रमण की दर के हिसाब से छोटे स्तर यानी मोहल्ला, गांव के स्तर पर महामारी पर लगाम लगाने की रणनीति पर काम करें. साथ ही जिले के अन्य भागों में आर्थिक गतिविधियां सामान्य रूप से चलने दें.
दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर के प्रमुख मेहता ने कहा कि आम आबादी के लिये भी यथाशीघ्र ‘बूस्टर’ खुराक की अनुमति दी जानी चाहिए.
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