देश की खबरें | उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर सेबी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के अनुरोध को लेकर उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सेबी ने गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी करने के आरोपों को लेकर जांच पूरी करने और अपनी रिपोर्ट सौंपने की समयसीमा का उल्लंघन किया है।
नयी दिल्ली, 19 नवंबर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के अनुरोध को लेकर उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सेबी ने गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी करने के आरोपों को लेकर जांच पूरी करने और अपनी रिपोर्ट सौंपने की समयसीमा का उल्लंघन किया है।
याचिकाकर्ता विशाल तिवारी द्वारा एक आवेदन दायर किया गया है जिसमें कहा गया है कि सेबी को दी गई समय सीमा के बावजूद वह अदालत के निर्देशों का पालन करने में विफल रही है और अदालत के निर्देशानुसार अंतिम निष्कर्ष/रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।
उच्चतम न्यायालय ने सेबी को अडाणी की अगुवाई वाले समूह द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी करने के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए 17 मई को 14 अगस्त, 2023 तक का समय दिया था।
याचिका में कहा गया है कि 25 अगस्त, 2023 को सेबी ने अपनी जांच के संबंध में स्थिति रिपोर्ट दायर की थी जिसमें कहा गया था कि कुल मिलाकर उसने 24 जांच की हैं, जिनमें से 22 के अंतिम नतीजे आ चुके हैं और दो अंतरिम प्रकृति की हैं।
याचिका में अडाणी समूह और ‘‘अपारदर्शी’’ मॉरीशस फंड के माध्यम से उसके कथित निवेश के खिलाफ संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट(ओसीसीआरपी) की नवीनतम रिपोर्ट का भी उल्लेख किया गया है।
इसमें कहा गया है कि जनहित याचिका का प्राथमिक ध्यान इस बात पर था कि नियामक प्रणाली को मजबूत करने के लिए भविष्य में क्या कदम उठाए जाएंगे ताकि निवेशकों की सुरक्षा हो सके और शेयर बाजार में उनका निवेश सुरक्षित रहे।
तिवारी ने अपनी अर्जी में कहा कि कंपनियों के आचरण और प्रथाओं पर निगरानी रखने के लिए एक मजबूत तंत्र की भी आवश्यकता है - चाहे वे नियामक प्राधिकरण द्वारा निर्धारित आवश्यक नियमों और विनियमों का अनुपालन कर रहे हों।
तिवारी ने कहा कि सेबी ने अपने आवेदन में जांच पूरी करने के लिए आवश्यक समयसीमा के सुझाव पर आपत्ति जताई है।
याचिका में कहा गया है कि अदालत द्वारा 14 अगस्त तक की समयसीमा तय करने के बावजूद सेबी अपनी रिपोर्ट दाखिल करने में विफल रही।
इसमें कहा गया है कि जांच पूरी करने और रिपोर्ट जमा करने के लिए अदालत द्वारा 17 मई, 2023 के आदेश में तय की गई समयसीमा का अनुपालन नहीं करने के लिए सेबी से स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने छह नवंबर को कहा था कि शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री अडाणी समूह द्वारा शेयर के मूल्यों में हेरफेर के आरोपों से संबंधित जनहित याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के मामले पर गौर करेगी।
न्यायालय ने 11 जुलाई को सेबी से अडाणी समूह द्वारा शेयर के मूल्यों में हेरफेर करने के आरोपों की चल रही जांच की स्थिति के बारे में पूछा था और कहा था कि जांच 14 अगस्त तक दिए गए समय में तेजी से पूरी करनी होगी।
इसके बाद, बाजार नियामक सेबी ने जांच को लेकर स्थिति रिपोर्ट दायर की थी और कहा था कि वह कर पनाहगाह से सूचना मिलने का इंतजार कर रहा है।
सेबी ने कहा था कि अडाणी समूह के खिलाफ दो को छोड़कर सभी आरोपों की जांच पूरी कर ली गई है और इस समूह की कंपनियों में निवेश करने वाली विदेशी कंपनियों के असली मालिकों के बारे में पांच देशों से जानकारी आने का उसे अभी इंतजार है।
उसने कहा था कि वह अडाणी समूह से संबंधित जिन 24 मामलों की जांच कर रहा है, उनमें से 22 मामलों के अंतिम निष्कर्ष आ चुके हैं।
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