जरुरी जानकारी | करीब 300 छोटे बैंकों के तकनीकी सिस्टम के साथ दोबारा जुड़ा संपर्क
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. लगभग 300 छोटे बैंकों के ग्राहकों को राहत देते हुए एनपीसीआई ने बृहस्पतिवार को रैनसमवेयर हमले से प्रभावित सी-एज टेक्नोलॉजीज के सिस्टम के साथ संपर्क दोबारा स्थापित कर लिया। इससे खाताधारकों के लिए एटीएम से निकासी या यूपीआई का भुगतान फिर से शुरू हो गया।
मुंबई, एक अगस्त लगभग 300 छोटे बैंकों के ग्राहकों को राहत देते हुए एनपीसीआई ने बृहस्पतिवार को रैनसमवेयर हमले से प्रभावित सी-एज टेक्नोलॉजीज के सिस्टम के साथ संपर्क दोबारा स्थापित कर लिया। इससे खाताधारकों के लिए एटीएम से निकासी या यूपीआई का भुगतान फिर से शुरू हो गया।
बैंकों को तकनीकी सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनी सी-एज टेक्नोलॉजीज का सिस्टम रैनसमवेयर हमले की जद में आ गया था। इसकी वजह से कुछ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के ग्राहक सोमवार से ही एनईएफटी या यूपीआई के जरिये पैसे नहीं भेज पा रहे थे। उन्हें एटीएम से पैसे निकालने में भी दिक्कतें पेश आ रही थीं।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी बयान में कहा कि एक स्वतंत्र फॉरेंसिक ऑडिट फर्म की सुरक्षा समीक्षा के बाद संपर्क दोबारा बहाल कर दिया गया है। इसके साथ ही सी-एज सिस्टम पर निर्भर सेवाएं भी दोबारा शुरू हो गई हैं।
एनपीसीआई के मुताबिक, ‘‘जांच से पुष्टि होती है कि रैनसमवेयर के प्रसार को रोकने के लिए सी-एज ने प्रभावित सिस्टम को अलग हटा दिया है।’’
एनपीसीआई ने कहा कि साइबर हमले का प्रभाव सी-एज सिस्टम तक ही सीमित था और इसकी चपेट में किसी सहकारी बैंक या क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक का बुनियादी ढांचा नहीं आया।
रैनसमवेयर ने एसबीआई और टीसीएस के संयुक्त उद्यम सी-एज टेक्नोलॉजीज के सिस्टम में सेंध लगाई थी। लेकिन एनपीसीआई ने सिस्टम को बाकी भुगतान नेटवर्क से अलग कर दिया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि समस्या नेटवर्क के अन्य हिस्सों में न फैले।
इस साइबर हमले से प्रभावित 300 संस्थाओं में से अधिकांश सहकारी ऋणदाता और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक हैं। वे अपने ग्राहकों को राशि अंतरण, एटीएम से नकद निकासी और यूपीआई जैसी भुगतान सेवाओं तक पहुंच देने के लिए सी-एज प्लेटफॉर्म पर निर्भर हैं।
प्रेम
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)