आदिवासी समुदायों की तीव्र प्रगति हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता: राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश तभी सही मायने में विकसित बनेगा जब आदिवासी लोग भी विकसित होंगे. उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदायों की तीव्र प्रगति ‘‘हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता’’ है.
नयी दिल्ली, 14 नवंबर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश तभी सही मायने में विकसित बनेगा जब आदिवासी लोग भी विकसित होंगे. उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदायों की तीव्र प्रगति ‘‘हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता’’ है. उन्होंने कहा कि सदियों से आदिवासी समाज के लोग देश की सभ्यता और संस्कृति को समृद्ध करते रहे हैं और उन्होंने अपनी बात के समर्थन में रामायण में भगवान राम के लंबे वनवास का उदाहरण दिया.
मुर्मू ने झारखंड के उलिहातू गांव में जन्मे आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती की पूर्व संध्या पर एक संदेश में कहा, ‘‘प्रभु श्रीराम ने वनवासियों को अपनाया और वनवासियों ने प्रभु श्री राम को अपनाया. आदिवासी समाज में पाई जाने वाली आत्मीयता और सद्भाव की यह भावना, हमारी संस्कृति और सभ्यता का आधार है.’’ हर साल 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाया जाता है. इसे आदिवासी समुदायों के योगदान के सम्मान में मनाया जाता है, विशेष रूप से भारत के स्वतंत्रता संग्राम में. राष्ट्रपति ने कहा कि आवास, परिवहन, चिकित्सा, शिक्षा और रोजगार जैसी बुनियादी जरूरतों के अभाव में आदिवासी लोग विकास की मुख्यधारा से दूर रहे. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, अब उन्हें ये सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है. इसके साथ ही उनके लिए आर्थिक विकास के अवसर भी बढ़ रहे हैं.’’ यह भी पढ़ें : दिल्ली-NCR में GRAP-3 लागू, जानें किन कामों पर लगी रोक, कौन सी गाड़ियों पर पाबंदी, स्कूलों पर क्या आदेश?
उन्होंने कहा, ‘‘2021 से भारत सरकार ने प्रतिवर्ष 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाने की परंपरा का सूत्रपात किया है. जनजातीय समुदाय के प्रति सम्मान व्यक्त करने के इस निर्णय की जितनी भी सराहना की जाए वह कम है. ’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘जनजातीय लोगों के गौरवशाली योगदान से देशवासियों को परिचित कराने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं. जनजातीय महानायकों की स्मृति में देश के विभिन्न क्षेत्रों में संग्रहालय बनाए जा रहे हैं. रांची में भगवान बिरसा मुंडा का संग्रहालय एक तीर्थ स्थल की तरह सम्मानित हो गया है. राष्ट्रपति भवन में भी ‘जनजातीय दर्पण’ नामक संग्रहालय विकसित किया गया है.’’