देश की खबरें | राजनाथ मालदीव के रक्षा मंत्री के साथ बुधवार को व्यापक वार्ता करेंगे
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारत द्वारा मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाए जाने के लगभग आठ महीने बाद, द्वीपीय राष्ट्र के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून दोनों देशों के बीच समग्र संबंधों में आए सुधार के बीच सैन्य संबंधों को मजबूत करने के लिए बुधवार से तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आएंगे।
नयी दिल्ली, सात जनवरी भारत द्वारा मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाए जाने के लगभग आठ महीने बाद, द्वीपीय राष्ट्र के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून दोनों देशों के बीच समग्र संबंधों में आए सुधार के बीच सैन्य संबंधों को मजबूत करने के लिए बुधवार से तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आएंगे।
मौमून राष्ट्रीय राजधानी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ व्यापक वार्ता करेंगे। वह कई वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे।
भारत ने मालदीव के चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की मांग के बाद हिंद महासागर द्वीपसमूह में तैनात अपने लगभग 80 सैन्यकर्मियों को वापस बुला लिया था।
भारतीय सैन्यकर्मी दो सैन्य सुविधाओं के रखरखाव और संचालन के लिए मालदीव में थे। उनकी जगह भारतीय असैन्य कर्मचारियों को तैनात किया गया।
इस पूरी घटना के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आठ जनवरी को नयी दिल्ली में मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।’’
इसने कहा कि दोनों मंत्री ‘मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स’ की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण, अभ्यास और रक्षा परियोजनाओं के साथ-साथ रक्षा उपकरणों की आपूर्ति सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करेंगे।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मालदीव, भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति में विशेष स्थान रखता है। इस नीति का उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि लाना है।’’
इसने कहा, ‘‘दोनों देश हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार वे ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर)’ के भारत के दृष्टिकोण में योगदान देते हैं।’’
मौमून गोवा और मुंबई भी जाएंगे।
उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब कुछ दिन पहले, मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने भारत की यात्रा की थी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ व्यापक वार्ता की थी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तीन जनवरी को हुई बैठक में कहा था कि भारत की ‘‘पड़ोस पहले’’ नीति का मालदीव एक शानदार उदाहरण है और उन्होंने हिंद महासागर में स्थित इस द्वीप देश को नयी दिल्ली के सहयोग का वादा किया।
उन्होंने कहा था, ‘‘विभिन्न क्षेत्रों में हमारी भागीदारी बढ़ी है और भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहा है। हमारे लिए, आपके साथ सहयोग हमारी ‘पड़ोस पहले’ नीति का शानदार उदाहरण है।’’
मालदीव, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और मालदीव में पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के दौरान रक्षा सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में वृद्धि देखी गई।
हालांकि, चीन समर्थक नेता माने जाने वाले मुइज्जू के नवंबर 2023 में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर, मुइज्जू ने मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने के लिए कहा।
अक्टूबर में मुइज्जू ने दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया, जिसके बाद संबंधों में तनाव कम हुआ।
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