Rajasthan: करणपुर विधानसभा सीट पर पांच बजे तक 72.10 फीसदी मतदान
राजस्थान की करणपुर विधानसभा सीट पर चुनाव के लिए मतदान शुक्रवार सुबह शुरू हुआ और शाम पांच बजे तक 72 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
जयपुर, 5 जनवरी: राजस्थान की करणपुर विधानसभा सीट पर चुनाव के लिए मतदान शुक्रवार सुबह शुरू हुआ और शाम पांच बजे तक 72 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि मतदान शुक्रवार सुबह सात बजे शुरू हुआ जो शाम छह बजे तक चलेगा. उन्होंने बताया कि 11 बजे तक 24.41 मतदाताओं ने जबकि 1.30 बजे तक 40.45 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले. वहीं पांच बजे तक यह आंकड़ा 72.10 प्रतिशत हो गया.
उन्होंने बताया कि कड़ाके की सर्दी एवं कोहरे के बीच मतदाता वोट डालने आ रहे हैं. उल्लेखनीय कि कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण इस सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया था. भाजपा ने यहां से चुनाव लड़ रहे अपने प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को पहले ही मंत्रिपरिषद में शामिल करते हुए राज्यमंत्री बना दिया है. इससे पहले गंगानगर के जिला कलेक्टर अंशदीप ने कहा, "करणपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ."
अधिकारियों के अनुसार, करणपुर विधानसभा क्षेत्र में दो लाख 40,826 मतदाता हैं, जिनमें 125850 पुरूष और 114966 महिला तथा 10 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल है. उन्होंने बताया कि करणपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 24 सेक्टर ऑफिसर तैनात किए गए हैं जबकि 10 रिजर्व में रखे गए हैं. करणपुर एवं पदमपुर के लिए दो एरिया मजिस्ट्रेट भी लगाए गए हैं. राज्य में विधानसभा की 200 में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ. इसका परिणाम तीन दिसंबर को घोषित किया गया. इसमें भाजपा को 115 व कांग्रेस को 69 सीटें मिलीं.
करणपुर गंगानगर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी और तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था. यहां भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी उम्मीदवार हैं तो कांग्रेस ने कुन्नर के बेटे रुपिंदर सिंह को प्रत्याशी बनाया है.
वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने करणपुर सीट से चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को 30 दिसंबर को बतौर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्रिपरिषद में शामिल कर लिया. कांग्रेस ने इसकी आलोचना की. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे 'आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन एवं वहां के मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास' बताया था.
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