देश की खबरें | पंजाब-हरियाणा की सीमाएं अंतरराष्ट्रीय सीमा की तरह लग रही हैं : किसान नेता सरवन सिंह पंधेर
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चंडीगढ़, 13 फरवरी किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर मंगलवार को पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर भारी अवरोधक लगाए जाने की निंदा करते हुए कहा कि राज्य की सीमाएं ‘‘अंतरराष्ट्रीय सीमाओं’’ में बदल गयी है।
उन्होंने हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार पर किसानों को प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया।
पंधेर ने किसानों के दिल्ली की ओर कूच करने से पहले फतेहगढ़ साहिब जिले में पत्रकारों से कहा, ‘‘ऐसा नहीं लगता कि पंजाब और हरियाणा दो राज्य हैं। ऐसा लगता है कि वे अंतरराष्ट्रीय सीमा बन गए हैं।’’
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों व कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
पंधेर ने कहा कि मीडिया ने सड़कें अवरुद्ध करने के लिए किसानों को जिम्मेदार ठहराया है जबकि सरकार खुद सड़कें अवरुद्ध कर रही है।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव पंधेर ने कहा, ‘‘हम तो आज भी यह नहीं कह रहे हैं कि हम सड़कें अवरुद्ध करेंगे। सरकार ने खुद पिछले दो-तीन दिन में सड़कें अवरुद्ध कर दी है।’’
उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर कंक्रीट की दीवारें लगायी गयी हैं।
पंधेर ने किसानों को राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने से रोकने के लिए हरियाणा प्राधिकारियों द्वारा किए गए सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त के संदर्भ में कहा, ‘‘हम अन्न उगाते हैं और हम देश का पेट भरते हैं तथा उन्होंने कीलों की फसल उगाई है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि उनका समर्थन कर रहे कई किसानों को मध्य प्रदेश में हिरासत में ले लिया गया है।
हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए पंधेर ने कहा कि हरियाणा ‘‘कश्मीर घाटी’’ में तब्दील हो गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने किसानों को प्रताड़ित करने के लिए हर गांव में पुलिसकर्मी भेजे हैं और पानी की बौछारें करने वाली गाड़ियां तैनात की हैं।
केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक के संबंध में पंधेर ने कहा कि बैठक के बेनतीजा रहने पर उन्होंने दिल्ली की ओर कूच करने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि किसानों ने अपनी मांगों, खासतौर से एमएमसी पर कानूनी गारंटी को लेकर एक समिति गठित करने की मंत्रियों की पेशकश ठुकरा दी है।
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ सोमवार को किसानों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। हालांकि, किसानों की मांगों को लेकर हुई यह बैठक बेनतीजा रही।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और डबवाली सीमाओं से दिल्ली की ओर कूच करने की योजना बनायी है।
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