देश की खबरें | रक्षा क्षेत्र के लिए बजट में 6,21,940 करोड़ रुपये का प्रावधान
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. सरकार ने मंगलवार को 2024-25 में रक्षा व्यय के लिए 6,21,940 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के साथ-साथ रणनीतिक जलमार्गों में उभरती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंताओं के बीच अंतरिम बजट में आवंटित की गई राशि के लगभग बराबर ही है।
नयी दिल्ली, 23 जुलाई सरकार ने मंगलवार को 2024-25 में रक्षा व्यय के लिए 6,21,940 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के साथ-साथ रणनीतिक जलमार्गों में उभरती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंताओं के बीच अंतरिम बजट में आवंटित की गई राशि के लगभग बराबर ही है।
फरवरी में पेश अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए कुल आवंटन 6,21,540 करोड़ रुपये था।
रक्षा क्षेत्र के लिए कुल आवंटन 2023-24 में किए गए बजटीय प्रावधान की तुलना में 4.79 प्रतिशत अधिक है।
पूंजीगत व्यय के लिए सेना को 1,72,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे जिसमें मुख्य रूप से नए आयुध, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य उपकरणों की खरीद शामिल है।
दैनिक परिचालन लागत और वेतन के लिए राजस्व व्यय 2.82 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, जबकि रक्षा पेंशन के लिए 1,41,205 करोड़ रुपये चिह्नित किए गए हैं, जो 2023-24 में किए गए आवंटन से 2.17 प्रतिशत अधिक है।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा क्षेत्र का कुल बजट भारत सरकार के कुल बजट का 12.9 प्रतिशत है।
पूंजीगत परिव्यय पर रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आवंटन का उद्देश्य मौजूदा और बाद के वित्त वर्षों में बड़े अधिग्रहणों के जरिए बड़े क्षमता अंतराल को पाटना है।
उसने कहा, ‘‘ये बढ़ा हुआ बजटीय आवंटन सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी, घातक हथियार, लड़ाकू विमान, जहाज, पनडुब्बियां, प्लेटफॉर्म, मानव रहित वायु यान, ड्रोन, विशेषज्ञ वाहन आदि से लैस करने के उद्देश्य से होने वाले पूंजी अधिग्रहणों पर वार्षिक नकद व्यय की जरूरत को पूरा करेगा।’’
रक्षा मंत्रालय ने आधुनिकीकरण बजट का 75 प्रतिशत यानी 1,05,518.43 करोड़ रुपये इस वित्त वर्ष के दौरान घरेलू उद्योगों के जरिए खरीद के लिए तय किया है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘वास्तविक अर्थों में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा बलों को पूंजीगत मद के अंतर्गत बजटीय आवंटन 1.72 लाख करोड़ रुपये का है, जो वित्त वर्ष 2022-23 के वास्तविक व्यय से 20.33 प्रतिशत ज्यादा और वित्त वर्ष 2023-24 के संशोधित आवंटन से 9.40 प्रतिशत ज्यादा है।’’
उसने कहा, ‘‘परिचालन तत्परता के लिए निरंतर ऊंचा आवंटन सशस्त्र बलों का मनोबल ऊंचा करता है, जिसका एकमात्र उद्देश्य उन्हें हर समय युद्ध के लिए तैयार रखना है। सरकार ने इस मद में चालू वित्त वर्ष के दौरान 92,088 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। ’’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि घरेलू पूंजी खरीद के लिए 1,05,518 करोड़ रुपये का आवंटन रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और गति प्रदान करेगा।
सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘जहां तक रक्षा मंत्रालय के लिए आवंटन की बात है, मैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 6,21,940.85 करोड़ रुपये के सर्वाधिक आवंटन के लिए धन्यवाद देता हूं जो 2024-25 के लिए सरकार के कुल बजट का 12.9 प्रतिशत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘1,72,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत परिव्यय सशस्त्र बलों की क्षमताओं को और मजबूत करेगा। घरेलू पूंजीगत खरीद के लिए 1,05,518.43 करोड़ रुपये का प्रावधान आत्मनिर्भरता को और बढ़ावा देगा।’’
सिंह ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि सीमा सड़क संगठन के लिए पूंजीगत मद में पिछले बजट की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक आवंटन किया गया है। बीआरओ को 6,500 करोड़ रुपये का यह आवंटन हमारे सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को और गति देगा।’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समावेशी और तेज गति वाले विकास के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, यह बजट देश के आर्थिक बदलाव को गति देगा। उन्होंने कहा कि यह 2027 तक भारत को 5 हजार अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में काफी मददगार साबित होगा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)