देश की खबरें | प्रियंक खरगे ने ठेकेदार की ‘आत्महत्या’ की स्वतंत्र जांच का समर्थन किया
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बेंगलुरु, 28 दिसंबर कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने शनिवार को कहा कि वह इस सप्ताह की शुरुआत में बीदर में एक ठेकेदार की कथित आत्महत्या के मामले में राज्य के गृह विभाग के तहत किसी एजेंसी से स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराए जाने के पक्ष में हैं।
ठेकेदार ने सात पन्नों का एक नोट छोड़ा जिसमें उसने एक व्यक्ति के खिलाफ आरोप लगाए हैं, जिसे प्रियंक का सहयोगी बताया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मामले के संबंध में प्रिंयक को मंत्री पद से हटाने और उनकी गिरफ्तारी की मांग की है।
भाजपा पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री ने स्पष्ट किया कि न तो वह, न ही उनका विभाग और न ही सरकार किसी भी तरह से इसमें संलिप्त है।
मंत्री ने कहा, ‘‘ठेकेदार के दावों से पता चलता है कि आरोपियों ने भी पूरी घटना के दूसरे पहलू के बारे में शिकायत की है। मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मैंने व्यक्तिगत रूप से (राज्य के) गृह मंत्री से मामले की जांच गृह विभाग के तहत किसी एजेंसी से कराने का अनुरोध किया है।’’
ठेकेदार सचिन मोनप्पा पांचाल (26) ने बृहस्पतिवार को ट्रेन के सामने कूदकर आकर अपनी जान दे दी। उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्रियंक के कथित करीबी सहयोगी राजू कपनूर ने ठेका देने के लिए एक करोड़ रुपये की मांग करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी।
सुसाइड नोट में सात अन्य लोगों के नाम भी लिखे हैं, जिन पर 15 लाख रुपये की रिश्वत लेने के बावजूद पांचाल को ठेका न देकर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है।
मामले को लेकर खरगे और कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए विधान परिषद में विपक्ष के नेता सी. नारायणस्वामी ने शनिवार को मांग की कि प्रियंक खरगे को उनके मंत्री पद से हटाया जाए और तुरंत गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने मंत्री से जांच में पूरा सहयोग करने का आह्वान किया और चेतावनी दी कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो भाजपा नेता और कार्यकर्ता आंदोलन करेंगे।
भाजपा द्वारा गिरफ्तारी की मांग किए जाने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में प्रियंक ने कहा, ‘‘किस आधार पर? भाजपा कानून को नहीं समझती। क्या मैं आरोपी हूं? आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है। क्या भाजपा जानती है कि देश का कानून क्या है? वे किस आधार पर मेरी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं? क्या आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में मेरा नाम है? ये लोग (भाजपा) सिर्फ राजनीति करना चाहते हैं।’’
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