देश की खबरें | वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में रखने के पूर्व के कदम पर पुनर्विचार किया जा रहा :केंद्र
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केंद्र ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वह वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में रखने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर अपने पूर्व के रुख पर ‘पुनर्विचार’ कर रहा है।
नयी दिल्ली, एक फरवरी केंद्र ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वह वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में रखने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर अपने पूर्व के रुख पर ‘पुनर्विचार’ कर रहा है।
इस विषय से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई कर रही पीठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा कि केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर कोई निर्णय लेने की जरूरत है।
अदालत पत्नी से बलात्कार को लेकर पति को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत मुकदमे से दी गई छूट रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई कर रही है। पीठ में एक अन्य सदस्य न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर भी शामिल हैं।
केंद्र की ओर से अदालत में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) चेतन शर्मा ने पीठ से कहा, ‘‘सॉलिसीटर (जनरल) ने कहा है कि हम हलफनामे पर पुनर्विचार कर रहे हैं। ये हलफनामे 2015-2017 के दौरान के हैं। ’’
न्यायमूर्ति शकधर ने कहा कि वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने के मुद्दे का समाधान करने के लिए सिर्फ दो तरीके हैं--अदालत का फैसला या विधान बना कर--और यदि केंद्र अपना रुख स्पष्ट नहीं करता है तो अदालत रिकार्ड में उपलब्ध हलफनामे के साथ आगे बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को बंद करने का कोई तीसरा तरीका नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘आपको इसबारे में निर्णय लेने की जरूरत है कि क्या आप जवाबी हलफनामे में जिक्र किये गये अपने रुख पर अडिग रहना चाहते हैं या आप इसे बदलेंगे। यदि आप इसे बदलना चाहते हं तो हमें अवश्य बताएं। ’’
एएसजी शर्मा ने अदालत से केंद्र को याचिकाओं पर अगले हफ्ते दलील पेश करने की अनुमति देने का आग्रह किया।
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