प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल के विप्लवी भारत दीर्घा का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को शहीद दिवस के अवसर पर कोलकाता स्थित विक्टोरिया मेमोरियल में नवनिर्मित विप्लवी भारत दीर्घा का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

पीएम मोदी (Photo: ANI)

नयी दिल्ली, 22 मार्च : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को शहीद दिवस के अवसर पर कोलकाता स्थित विक्टोरिया मेमोरियल में नवनिर्मित विप्लवी भारत दीर्घा का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री 23 मार्च को शाम छह बजे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से , कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में निर्मित विप्लवी भारत गैलरी का उद्घाटन करेंगे और इसके बाद वहां उपस्थित जनसमूह को संबोधित भी करेंगे. ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री मोदी ने 11 जनवरी 2020 को कोलकाता में जीर्णोद्धार के बाद प्रतिष्ठित ओल्‍ड करेंसी बिल्डिंग, बेलवेडियर हाउस, विक्‍टोरिया मेमोरियल हॉल और मेटकॉफ हाउस को राष्‍ट्र को समर्पित किया था.

इस दौरान उन्होंने विक्‍टोरिया मेमोरियल की पांच दीर्घाओं में से तीन दीर्घाओं के बंद होने को लेकर चिंता जताई थी . उन्होंने सुझाव दिया था कि इसमें कुछ जगह स्‍वतंत्रता सेनानियों के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए भी होनी चाहिए और इसे विप्‍लवी भारत का नाम दिया जाना चाहिए. पीएमओ ने कहा कि इस दीर्घा में स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों के योगदान और ब्रिटिश औपनिवेशिक राज के विरुद्ध उनके सशस्त्र प्रतिरोध को दर्शाया जायेगा. पीएमओ ने कहा, ‘‘इस पक्ष को स्वतंत्रता आंदोलन के मुख्य विमर्श में प्रायः समुचित स्थान नहीं दिया जाता है. यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव ने लोकसभा की सदस्यता से दिया इस्तीफा, विधायक के तौर पर यूपी में विपक्ष को देंगे मजबूती

इस नई गैलरी का उद्देश्य है कि उन सारी घटनाओं का समग्र चित्रण प्रस्तुत किया जाये जो 1947 में अपनी पराकाष्ठा पर पहुंची थीं. साथ ही क्रांतिकारियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर किया जाये.’’ पीएमओ ने कहा कि विप्लवी भारत गैलरी में वह राजनीतिक और बौद्धिक पृष्ठभूमि प्रस्तुत की गई है, जिसने क्रांतिकारी आंदोलन को प्रेरित किया. गैलरी में क्रांतिकारी आंदोलन के जन्म, क्रांतिकारियों द्वारा महत्वपूर्ण संगठनों का निर्माण, आंदोलन का विस्तार, इंडियन नेशनल आर्मी का गठन, नौसेना विद्रोह का योगदान आदि की झलक पेश की जाएगी.

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