देश की खबरें | महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को ‘पेइंग गेस्ट’ की सुविधा का लाभ दिलाने की तैयारी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. महाकुम्भ मेले में देश विदेश से आने वाले लोगों को घर जैसा माहौल और खानपान उपलब्ध कराने के लिए पर्यटन विभाग स्थानीय लोगों को अपने मकानों का ‘पेइंग गेस्ट’ के तौर पर उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

प्रयागराज, सात नवंबर महाकुम्भ मेले में देश विदेश से आने वाले लोगों को घर जैसा माहौल और खानपान उपलब्ध कराने के लिए पर्यटन विभाग स्थानीय लोगों को अपने मकानों का ‘पेइंग गेस्ट’ के तौर पर उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया कि बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पर्यटन विभाग के माध्यम से अपना पंजीकरण कराकर अच्छे आचरण, स्वच्छता और आवभगत का प्रशिक्षण ले रहे हैं। उनके मुताबिक, अधिक से अधिक लोगों को इस व्यवस्था से जोड़ने के लिए टोल फ्री नंबर और व्हाट्सऐप नंबर भी जारी किया गया है।

उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से ना सिर्फ श्रद्धालुओं को महंगे होटलों के बजाय ‘पेइंग गेस्ट’ की बेहतर सुविधा मिलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार का साधन मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि हो सकेगी।

सिंह ने बताया कि पर्यटन विभाग की ओर से फिलहाल 2000 मकानों में ‘पेइंग गेस्ट’ सुविधा शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है और पंजीकरण के लिए क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय में महज 50 रुपये के शुल्क के साथ फार्म जमा करना पड़ता है।

उन्होंने बताया कि जिन मकानों को ‘पेइंग गेस्ट’ की सुविधा के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा, उनकी सूची मेला प्रशासन की वेबसाइट और ऐप पर भी प्रदर्शित की जाएगी। इन माध्यमों से पर्यटक और श्रद्धालु ‘पेइंग गेस्ट’ की सुविधा के लिए संपर्क कर सकेंगे।

सिंह ने बताया कि ‘पेइंग गेस्ट’ के लिए लाइसेंस तीन साल के लिए मान्य होगा। इस सुविधा के लिए कम से कम दो और अधिकतम पांच कमरे का पंजीकरण कराने की योजना है। लाइसेंस प्राप्त लोगों को पर्यटन विभाग की ओर से विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें किसी प्रकार की कोई सालाना शुल्क या कर भरने की कोई बाध्यता नहीं है और ‘पेइंग गेस्ट’ की सुविधा प्रदान करने का किराया भी मकान मालिक द्वारा ही निर्धारित किया जाएगा, जिसमें पर्यटन विभाग का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।

उन्होंने बताया कि अबतक 50 मकानों का पंजीकरण कराया जा चुका है और कई मकानों के पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है।

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