देश की खबरें | प्रीति के देश से भागने का खतरा, वह तिहाड़ के भीतर सूचना मुहैया कराने की मुख्य षड्यंत्रकर्ता: ईडी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि यूनिटेक के पूर्व प्रवर्तक संजय चंद्रा की पत्नी एवं धनशोधन मामले में तिहाड़ जेल में बंद प्रीति चंद्रा के देश से भागने का खतरा है और वह तिहाड़ जेल में अपने पति को सूचना मुहैया कराने की ‘‘मुख्य षड्यंत्रकर्ता’’ हैं।

नयी दिल्ली, 18 मई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि यूनिटेक के पूर्व प्रवर्तक संजय चंद्रा की पत्नी एवं धनशोधन मामले में तिहाड़ जेल में बंद प्रीति चंद्रा के देश से भागने का खतरा है और वह तिहाड़ जेल में अपने पति को सूचना मुहैया कराने की ‘‘मुख्य षड्यंत्रकर्ता’’ हैं।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने निचली अदालत में जमानत याचिका दायर करने की अनुमति दिए जाने का अनुरोध करने वाली प्रीति की याचिका पर निदेशालय से जवाब मांगा था।

निदेशालय की ओर से पेश हुई अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने कहा कि प्रीति ने ऐसे समय में याचिका दायर की है, जब उच्चतम न्यायालय में ग्रीष्मकालीन अवकाश होने वाला है और उनके देश छोड़कर भाग जाने का काफी खतरा है।

दीवान ने कहा, ‘‘उनके साथ संजय चंद्रा की पत्नी की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए। उनके पास डोमिनिकन गणराज्य का पासपोर्ट है और वह त्रिकार समूह की प्रमुख हैं, जो संयुक्त अरब अमीरात और केमैन द्वीप जैसे कई क्षेत्रों में काम करता है।’’

विधि अधिकारी ने कहा कि एजेंसी इस मामले में बहुत अहम मोड़ पर पहुंच गई है, ऐसे में निचली अदालत में याचिका दायर करने की अनुमति देने से जांच खतरे में पड़ जाएगी।

दीवान ने कहा, ‘‘उन्होंने (प्रीति ने) गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की थी, उन्होंने देश से भागने की कोशिश की थी, उन्होंने संपत्ति का निपटान किया था और वह अपने पति को उस समय सूचना मुहैया कराने की मुख्य साजिशकर्ता हैं, जब वह (पति) तिहाड़ जेल में बंद थे।’’

उन्होंने कहा कि अदालत ने पहले ऐसे मामलों में जमानत रद्द कर दी थी। उन्होंने बताया कि त्रिकार समूह का संचालन उन देशों में है जो अनुबंधित पक्ष नहीं हैं और जहां अनुरोध पत्र जारी नहीं किया जा सकता।

दीवान ने कहा, ‘‘वह जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं और एजेंसी यह पता नहीं लगा पाई है कि धन और विदेशी पूंजियों का स्रोत क्या है।’’

प्रीति की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा कि वह (प्रीति) पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किए जाने के बाद से जेल में बंद हैं और निदेशालय ने उसके बाद उन्हें कभी जांच के लिए नहीं बुलाया।

उन्होंने कहा, ‘‘वे (ईडी अधिकारी) पहले के हलफनामों पर भरोसा करते रहे हैं, लेकिन तथ्य यह है कि जमानत के लिए याचिका दायर करना मेरा वैधानिक अधिकार है। चूंकि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए मैंने (प्रीति ने) शीर्ष अदालत की अनुमति मांगी है। अनुच्छेद 21 के तहत जमानत का अनुरोध करने के मेरे (प्रीति के) अधिकार को छीना नहीं जा सकता।’’

पीठ ने कहा कि वह याचिका का निपटारा नहीं कर रही है और उसने प्रवर्तन निदेशालय से याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।

इससे पहले, न्यायलय ने 25 मार्च को प्रीति को अपनी नानी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 26 मार्च या पांच अप्रैल को तिहाड़ जेल से पांच घंटे के लिए बाहर जाने की शुक्रवार को सशर्त अनुमति दे दी थी। पीठ ने प्रीति से अपना डोमिनिकन गणराज्य का पासपोर्ट तथा उनके पास उपलब्ध कोई भी अन्य पासपोर्ट जांच अधिकारी को सौंपने को कहा था।

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