जरुरी जानकारी | सकारात्मक धारणा रहेगी कायम, वैश्विक रुख से तय होगी शेयर बाजारों की दिशा : विश्लेषक
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. शेयर बाजारों में इस सप्ताह भी सकारात्मक धारणा कायम रहने की उम्मीद है। हालांकि, ऊंचे मूल्यांकन की वजह से कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह में कुछ मुनाफावसूली का सिलसिला भी चल सकता है। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
नयी दिल्ली, पांच सितंबर शेयर बाजारों में इस सप्ताह भी सकारात्मक धारणा कायम रहने की उम्मीद है। हालांकि, ऊंचे मूल्यांकन की वजह से कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह में कुछ मुनाफावसूली का सिलसिला भी चल सकता है। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर किसी प्रमुख घटनाक्रम के अभाव में इस सप्ताह बाजार की दिशा काफी हद तक वैश्विक रुख से तय होगी। शुक्रवार को ‘गणेश चतुर्थी’ पर बाजार बंद रहेंगे।
औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़े शुक्रवार को आने हैं। हालांकि, उस दिन शेयर बाजारों में कारोबार नहीं होगा।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,005.23 अंक या 3.57 प्रतिशत के लाभ में रहा। शुक्रवार को सेंसेक्स पहली बार 58,000 अंक के स्तर को पार कर 58,129.95 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स सिर्फ तीन कारोबारी सत्रों में 57,000 से 58,000 अंक पर पहुंचा है। पिछले महीने सेंसेक्स नौ प्रतिशत से अधिक चढ़ा है।
इस साल अभी तक सेंसेक्स 10,378.62 अंक या 21.73 प्रतिशत चढ़ा है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध, ब्रोकिंग और वितरण प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘आगे चलकर बाजार का रुख सकारात्मक रहेगा। अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार तथा टीकाकरण की वजह से बाजार में तेजी बनी रहेगी। इसके अलावा तरलता की मजबूत स्थिति तथा सकारात्मक वैश्विक रुख से भी घरेलू बाजारों को समर्थन मिल सकता है और उनका रिकॉर्ड बनाने का सिलसिला जारी रह सकता है।’’
स्वास्तिक इन्वेस्टमेंट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि इस सप्ताह कम कारोबारी सत्र होंगे। शुक्रवार को गणेश चतुर्थी पर बाजार में अवकाश रहेगा।
सैमको सिक्योरिटीज रिसर्च ने एक नोट में कहा, ‘‘घरेलू मोर्चे पर आर्थिक आंकड़े मसलन विनिर्माण उत्पादन और औद्योगिक उत्पादन बाजार की धारणा को प्रभावित कर सकता है। किसी विशेष घटनाक्रम के अभाव में इस सप्ताह बाजार वैश्विक रुख से दिशा लेगा।’’
इसके अलावा रुपये का उतार-चढ़ाव, ब्रेंट कच्चे तेल के दाम तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश के रुख से भी बाजार को दिशा मिलेगी।
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