नयी दिल्ली, 14 नवंबर प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के बीच, दिल्ली में मंगलवार को सुबह वायु गुणवत्ता का स्तर खराब रहा और इससे जल्द राहत मिलने के आसार नहीं है।
दिल्ली के 40 निगरानी केंद्रों में से नौ के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सुबह आठ बजे राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक 363 यानी बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मोबाइल ऐप ‘समीर’ के अनुसार, बाकी निगरानी केंद्र पर्याप्त आंकड़ा उपलब्ध कराने में विफल रहे।
बारिश के कारण मिली राहत के बाद दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि दर्ज की गयी और प्रतिबंध के बावजूद दिवाली की रात लोगों द्वारा की गई आतिशबाजी से सोमवार को धुंध का दौर फिर लौट आया।
वायु गुणवत्ता निगरानी में विशेषज्ञता रखने वाली स्विट्जरलैंड की कंपनी ‘आईक्यूएयर’ के अनुसार, सोमवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली सबसे ऊपर रही। इसके बाद पाकिस्तान के लाहौर और कराची थे, जबकि प्रदूषित शहरों में मुंबई पांचवे और कोलकाता छठे स्थान पर रहे।
दिल्ली में रविवार को दिवाली के दिन आठ साल में सबसे बेहतर वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, तथा 24 घंटे का औसत एक्यूआई शाम चार बजे 218 पर दर्ज किया गया। हालांकि, रविवार देर रात आतिशबाजी से कम तापमान के बीच प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हो गई।
सोमवार सुबह सात बजे एक्यूआई 275 दर्ज किया गया, जबकि शाम 4 बजे तक धीरे-धीरे बढ़कर यह 358 अंक पर पहुंच गया।
एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 450 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे 'अति गंभीर' श्रेणी में माना जाता है।
दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए रणनीति तैयार करने वाले वैधानिक निकाय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के एक अधिकारी ने पीटीआई- को बताया, ‘‘यह बात साफ है कि दिवाली के बाद प्रदूषण के स्तर में वृद्धि दो प्रमुख कारणों से होती हैं- आतिशबाजी और खेत में पराली जलाना- इस मामले में आतिशबाजी प्रमुख कारण रहा।’’
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