Petrol-Diesel Price: आम आदमी को मिली बड़ी राहत! आज से पेट्रोल की कीमत 8.69 रुपए और डीजल की कीमत 7.05 रुपए प्रति लीटर हुई कम
वाहनों में इस्तेमाल किए जाने वाले ईंधनों पर उत्पाद शुल्क में कटौती के सरकार के फैसले के बाद रविवार को पेट्रोल की कीमत 8.69 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 7.05 रुपये प्रति लीटर कम हो गई जिससे महंगाई से परेशान उपभोक्ताओं को राहत मिली.
नयी दिल्ली, 22 मई : वाहनों में इस्तेमाल किए जाने वाले ईंधनों पर उत्पाद शुल्क में कटौती के सरकार के फैसले के बाद रविवार को पेट्रोल की कीमत 8.69 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 7.05 रुपये प्रति लीटर कम हो गई जिससे महंगाई से परेशान उपभोक्ताओं को राहत मिली. ईंधन उत्पादों की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण आम जनजीवन पर पड़ रहे असर को देखते हुए सरकार ने शनिवार को पेट्रोल एवं डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में क्रमशः आठ रुपये एवं छह रुपये प्रति लीटर तक की कटौती करने की घोषणा की थी. उत्पाद शुल्क में की गई इस कटौती से दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 8.69 रुपए और डीजल की कीमत में 7.05 रुपए प्रति लीटर की कमी आई. ऐसा उत्पाद शुल्क की दर पर लगने वाले अन्य करों में कमी आने की वजह से हुआ.
सरकार के स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेताओं की एक मूल्य अधिसूचना के अनुसार, शुल्क कटौती प्रभावी होने के बाद दिल्ली में अब पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जबकि इससे पहले इसकी कीमत 105.41 रुपये प्रति लीटर थी. वहीं, डीजल अब 89.62 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है, जो इससे पहले 96.67 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर मिल रहा था. मुंबई में पेट्रोल के दाम 120.51 रुपये से घटकर 111.35 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं, जबकि डीजल के दाम 104.77 रुपये से घटकर 97.28 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं. अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट जैसे स्थानीय करों में भिन्नता के कारण कीमतों में अंतर होता है. यह भी पढ़ें : गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दमनगंगा-पार-तापी-नर्मदा लिंक परियोजना को रद्द करने की घोषणा की
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत अब 106.03 रुपये (पहले 115.12 रुपये) और चेन्नई में 102.63 रुपये (पहले 110.85 रुपये) प्रति लीटर है. कोलकाता में डीजल की कीमत 92.76 रुपये (पहले 99.83 रुपये) और चेन्नई में 94.24 रुपये (पहले 100.94 रुपये) प्रति लीटर है. पिछले कुछ महीनों में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें बढ़ने के अलावा रसोई गैस की कीमतें भी लगातार बढ़ी हैं. इसकी वजह से लोगों के बजट पर बुरा असर पड़ रहा था. इसको देखते हुए तमाम जानकार एवं विपक्षी दल ईंधन कीमतों में कटौती की मांग कर रहे थे. आर्थिक विशेषज्ञों का कहना था कि पेट्रोल एवं डीजल के दाम बढ़ाने से जरूरी चीजों का भी आवागमन महंगा हो गया, जिससे उनके दाम बढ़ गए.
इसका असर थोक एवं खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों में आई तेजी के रूप में भी देखने को मिला. बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक को भी रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी करनी पड़ी. सरकार ने इसके पहले चार नवंबर, 2021 को भी पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में पांच रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, लेकिन मार्च, 2022 के दूसरे पखवाड़े से पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में फिर से बढ़ोतरी शुरू हो गई थी जिसके लिए रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में हुई वृद्धि को जिम्मेदार बताया गया.