जरुरी जानकारी | पेट्रोल, डीजल के दाम फिर बढ़े, रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंचे।

नयी दिल्ली, 14 मई पेट्रोल और डीजल के दाम शुक्रवार को देशभर में नई ऊंचाईयों पर पहुंच गये। सप्ताह के दौरान चौथी बार इन ईंधनों के दाम बढ़ाये गये हैं।

तेल कंपनियों की नई अधिसूचना के मुताबिक शुक्रवार को पेट्रोल का दाम 29 पैसे प्रति लीटर और डीजल का दाम 34 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया गया

इस वृद्धि के बाद राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल का दाम 92.34 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 82.95 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया।

देश के कुछ राज्यों के शहरों में पहले ही पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर चुके हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों में दाम 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर पहुंच चुके हैं। वहीं मुंबई में भी पेट्रोल के दाम इस स्तर के करीब पहुंच चुके हैं।

मुंबई में एक लीटर पेट्रोल का दाम 98.65 रुपये और डीजल का दाम 90.11 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुका है। देश के विभिन्न शहरों में ईंधन के दाम में वहां वैट की दर अलग होने और माल पहुंचने का भाड़ा के मुताबिक पेट्रोल, डीजल के दाम अलग अलग होते हैं।

राजस्थान में पेट्रोल, डीजल पर सबसे ऊंची दर से मूल्य वर्धित कर (वैट) लगाया जाता है, उसके बाद मध्य प्रदेश में यह सबसे ज्यादा है। राजस्थान के श्री गंगानगर जिले में पेट्रोल का दाम सबसे ज्यादा 103.27 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 95.70 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच चुका है।

पेट्रोल, डीजल के दाम में ताजा वृद्धि इस सप्ताह में चौथी है जबकि चार मई के बाद से आठवीं बार इनके दाम बढ़ाये गये हैं। हालांकि, पिछले महीने पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान दाम स्थिर रहे। आठ बार की वृद्धि में पेट्रोल का दाम 1.95 रुपये और डीजल का दाम 2.22 रुपये लीटर बढ़ चुका है।

पिछले साल मार्च में जब सरकार ने पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर को अब तक के सबसे ऊंचे स्तर तक बढ़ा दिया था उसके बाद से लेकर अब तक पेट्रोल का दाम 22.75 रुपये और डीजल का दाम 20.66 रुपये प्रति लीटर बढ़ चुका है। इसमें बीच में आई गिरावट को भी गणना में शामिल किया गया है।

केन्द्र और राज्य सरकारें दोनों कुल मिलाकर पेट्रोल के खुदरा दाम में 60 प्रतिशत और डीजल के दाम में 54 प्रतिशत तक कर के रूप में प्राप्त करती हैं। इसमें से पेट्रोल पर 32.90 रुपये और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क के रूप में केन्द्र द्वारा लगाया जाता है।

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