देश की खबरें | सत्येंद्र जैन की चिकित्सकीय जांच एम्स, आरएमएल या सफदरजंग अस्पताल में कराने के लिये याचिका
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि धनशोधन मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की चिकित्सा जांच सरकारी लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के बजाए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अथवा सफदरजंग अस्पताल में कराई जाए।
नयी दिल्ली,26 जुलाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि धनशोधन मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की चिकित्सा जांच सरकारी लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के बजाए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अथवा सफदरजंग अस्पताल में कराई जाए।
जैन वर्तमान में एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हैं।
याचिका मंगलवार को न्यायाधीश योगेश खन्ना के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गयी, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हो सकी।
ईडी ने जैन को एम्स, आरएमएल अथवा सफदरजंग अस्पताल स्थानांतरित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि उनके स्वास्थ्य का स्वतंत्र मूल्यांकन जरूरी है क्योंकि गिरफ्तार किए जाने से पहले उनके पास दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री का प्रभार था।
जांच एजेंसी ने दावा किया कि 27 जून को मामले के जांच अधिकारी (आईओ) एलएनजेपी अस्पताल गए थे तो उन्होंने पाया कि जैन मरीज के बिस्तर पर सो रहे थे, लेकिन उनके हाथ में कोई ‘कैनुला’ नहीं थी साथ ही मरीज के स्वास्थ्य की निगरानी करने वाली मशीन भी बंद थी। एजेंसी ने कहा कि किसी भी चिकित्सकीय मशीन से उनकी जांच नहीं की जा रही थी और उनकी पत्नी भी कमरे में मौजूद थीं।
एजेंसी ने साथ ही कहा, ‘‘जब आईओ कमरे में पहुंचे तो वादी ने तत्काल ऑक्सीजन मास्क लगा लिया, रक्तचाप नापने वाली बेल्ट भी लगा ली और ‘मॉनीटर’ को चालू कर दिया गया। ये सब संदिग्ध परिस्थितियों में हुआ और प्रथम दृष्टया वादी की स्थिति ऐसी नहीं थी जिसमें उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़े। एक अर्जी (निचली अदालत के समक्ष) दाखिल की गई और उनके स्वास्थ्य का स्वतंत्र मूल्यांकन कराने के लिए उन्हें दिल्ली के आरएमएल अथवा एम्स में भर्ती कराने का अनुरोध किया गया ।’’
एजेंसी ने कहा कि निचली अदालत ने याचिका खाारिज कर दी।
ईडी ने निचली अदालत के छह जुलाई और 19 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है।
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