देश की खबरें | फर्जी खबरों के कारण मीडिया के प्रति लोगों के विश्वास में कमी आई: उपराष्ट्रपति धनखड़
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने फर्जी खबरों पर बृहस्पतिवार को चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसकी वजह से मीडिया के प्रति लोगों के विश्वास में कमी आई है।
नयी दिल्ली, 16 नवंबर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने फर्जी खबरों पर बृहस्पतिवार को चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसकी वजह से मीडिया के प्रति लोगों के विश्वास में कमी आई है।
उन्होंने यह भी कहा कि विश्वसनीयता सबसे बड़ी चुनौती है जिसका आज मीडिया जगत सामना कर रहा है।
धनखड़ ने यहां राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह मीडिया का नैतिक कर्तव्य है कि वह सच बताए और सच के अलावा कुछ नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में, यह मीडिया से जुड़े हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। चाहे वह पत्रकार हों या समाचार पत्रों के मालिक या संचार के अन्य रूप...सत्यप्रिय रहें।’’
धनखड़ ने कहा कि विश्वसनीय और भरोसेमंद होना मीडिया के स्वयं के हित में है।
उन्होंने महसूस किया कि अब समय आ गया है कि मीडिया यह समझे कि उनके दर्शक उनसे दूर जा रहे हैं। उन्होंने इसे ‘कठोर वास्तविकता, दीवार पर लिखी इबारत’ करार दिया।
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘दीवार पर लिखी यह इबारत सभी संबंधित पक्षों के लिए स्पष्ट होनी चाहिए कि फर्जी खबरें, जानबूझकर उल्लेखित की गई गलत और शरारतपूर्ण सूचनाएं, राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं और प्राथमिकताएं, सत्ता के दलाल की भूमिका निभाने की प्रवृत्ति और मौद्रिक विचारों ने मीडिया में लोगों के विश्वास को कम कर दिया है।’’
उन्होंने कहा कि ‘फेक न्यूज’ शब्द को कभी इतने जोरशोर से नहीं सुना गया है। उन्होंने कहा कि यह हमारे कानों में कभी नहीं गूंजता था जबकि इन दिनों यह तेजी से कानों में गूंज रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘विश्वसनीयता सबसे बड़ी चुनौती है जिसका आज मीडिया सामना कर रहा है। मैंने इसे मीडिया के अस्तित्व की चुनौती के रूप में रखता हूं। यह आश्चर्यजनक है कि कुछ तबकों में इस पहलू को नजरअंदाज किया जा रहा है।’’
धनखड़ ने कहा कि हाल की तकनीकी प्रगति और कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे नवाचारों ने समाज के सामने अद्वितीय चुनौतियां पेश की हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे लिए मीडिया परिदृश्य पर एआई के गहरे प्रभाव को समझना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि एआई के आगमन ने समाचार, सूचना और मनोरंजन प्राप्त करने और उपभोग करने के तरीके को बदल दिया है।
उन्होंने कहा कि एआई हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है और इसकी प्रौद्योगिकी हमारी प्रणाली को नियंत्रित कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया संगठनों और मीडिया पेशेवरों को किसी भी सूचना का प्रसार करने से पहले दोगुना सावधान और सतर्क रहना चाहिए। आज की जमीनी हकीकत वास्तव में चिंताजनक है। नुकसान होने के बहुत बाद जांच की जाती है।’’
उन्होंने कहा कि संपादकों की भूमिका अधिक चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि उन्हें गेटकीपर के रूप में कार्य करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इससे पहले की कोई सूचना के ‘समुद्र में जहर घोले’ उनके लिए किसी भी छेड़छाड़ और झूठी जानकारी को हटाना अनिवार्य हो जाता है।
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