नयी दिल्ली, 5 मार्च ब्रिटिश सांसदों द्वारा भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन के मुद्दे पर अगले सप्ताह चर्चा के कार्यक्रम के बीच ब्रिटिश सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारत में जो कुछ हो रहा है, उसका ब्रिटेन में असर देखा जा रहा है और भारतीय समुदाय के लोगों की बड़ी संख्या होने के कारण इसकी चर्चा भी हो रही है लेकिन किसानों का आंदोलन भारत का आंतरिक मुद्दा है और उसे ही सुलझाना है ।
ब्रिटेन के सांसद अगले सप्ताह सोमवार को भारत में प्रेस की स्वतंत्रता और प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा के मुद्दे पर एक ई-याचिका को लेकर चर्चा करेंगे जिस पर हस्ताक्षर करने वालों की संख्या एक लाख को पार कर गई है । हाउस आफ कामन्स में याचिका समिति ने इस सप्ताह के प्रारंभ में इसकी पुष्टि की थी ।
यह पूछे जाने पर कि किसानों के विरोध प्रदर्शन पर ब्रिटेन की चिंताओं को वे किस प्रकार से देखते हैं और क्या इसका दोनों देशों के संबंधों पर असर पड़ सकता है, भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने कहा, ‘‘ यह भारत का आंतरिक मामला है । ’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैं समझता हूं कि विदेश सचिव डोमिनिक रॉब जब भारत आए थे तब उन्होंने कहा था कि आपकी राजनीति आपकी राजनीति है । दूसरे शब्दों में भारत में जो कुछ हो रहा है, उसका ब्रिटेन में असर देखा गया है क्योंकि वहां बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग रहते हैं और इसलिये इस पर चर्चा भी होती है । ’’
एलिस ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से इस बारे में पूछा गया था ।
ब्रिटिश उचचायुक्त ने कहा, ‘‘ यह ऐसी बात है जिसे हम देख रहे हैं लेकिन इसका समाधान भारत को ही निकालना है । ’’
एलिस ने इस वर्ष फरवरी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष अपना परिचय पत्र प्रस्तुत किया था ।
यह पूछे जाने पर कि क्या ब्रिटिश संसद में सोमवार को इस विषय पर होने वाली चर्चा को लेकर भारत ने इस विषय को उठाया है, ब्रिटिश उच्चायुक्त ने कहा कि इस बारे में चर्चा याचिका की प्रक्रिया के कारण हो रही है जिसमें पर्याप्त संख्या में लोगों के हस्ताक्षर हैं । किसी मुद्दे पर संसद में चर्चा हो सकती है और भारत से जुड़े मुद्दे पर नियमित रूप से चर्चा होती रहती है।
उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि भारत जैसे जैसे बढ़ेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठेगा एवं दुनिया में प्रभावी होगा, वैसे वैसे भारत से जुड़े मुद्दों के बारे में अधिक चर्चा होगी ।
एलिस ने हालांकि कहा कि किसानों के विरोध प्रदर्शनों जैसे मुद्दे पर ब्रिटिश सरकार का मत यह है कि यह भारत का आंतरिक मामला है और इसे भारत को ही सुलझाना है ।
भारत की ओर से इस मुद्दे को ब्रिटिश पक्ष के समक्ष उठाये जाने को लेकर पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने सीधे जवाब देने से बचते हुए कहा कि अगर ब्रिटेन के बारे में भारतीय संसद में चर्चा होती है, तब इसमें मुझे रूचि होगी ।
गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के काफी किसान तीन विवादित कृषि कानूनों को रद्द किये जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की भी मांग कर रहे हैं ।
वहीं, सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है कि वह एमएसपी और मंडी व्यवस्था को समाप्त करना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई बार किसानों को आश्वस्त किया है कि एमएसपी व्यवस्था जारी रहेगी ।
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