देश की खबरें | राजीव गांधी हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पेरारीवलन की पेरोल अवधि एक सप्ताह बढ़ी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने राजीव गांधी हत्याकांड मामले में उम्र कैद की सजा भुगत रहे एजी पेरारिवलन की इलाज कराने के लिये पेरोल की अवधि शुक्रवार को एक सप्ताह के लिये बढ़ा दी।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 27 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने राजीव गांधी हत्याकांड मामले में उम्र कैद की सजा भुगत रहे एजी पेरारिवलन की इलाज कराने के लिये पेरोल की अवधि शुक्रवार को एक सप्ताह के लिये बढ़ा दी।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट की पीठ ने कहा कि न्यायालय ने 23 नवंबर को पेरोल की अवधि एक सप्ताह के लिये बढ़ाई थी और सरकार को पेरारीवलन के लिए सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया गया था।

यह भी पढ़े | Delhi Chalo March: दिल्ली सरकार ने 9 स्टेडियम को अस्थाई जेल बनाने की पुलिस की अर्जी खारिज की, कहा- जायज हैं किसानों की मांगे.

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपनी बीमारी के इलाज के लिये एक आवेदन में 90 दिन की पेरोल की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया है क्योंकि उसकी सर्जरी होनी है।

न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन और तमिलनाडु की ओर से अधिवक्ता बालाजी श्रीनिवासन के कथन को ध्यान में रखते हुये आवेदक की पेरोल की अवधि शुक्रवार से एक सप्ताह के लिये बढ़ाई जाती है।

यह भी पढ़े | कांग्रेस में जी.वी. हर्षकुमार की हुई वापसी.

पीठ ने स्पष्ट किया कि आखिरी बार पेरोल की अवधि बढ़ाई जा रही है। न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि डॉक्टर के पास जाने के लिये पेरारीवलन को सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए ।

पेरारीवलन को पहली बार नौ से 23 नवंबर तक के लिये मद्रास उच्च न्यायालय ने इलाज के लिये पेरोल दिया था जिसकी अवधि शीर्ष अदालत ने बढ़ा दी थी।

सुनवाई शुरू होते ही शंकरनारायणन ने कहा कि पेरारीवलन का गुर्दा 25 प्रतिशत काम नहीं कर रहा है और उसे ऑपरेशन की जरूरत है।

इस पर पीठ ने शंकरनारायणन से कहा कि वह 90 दिन की पेरोल चाहता है तो वरिष्ठ अधिवक्ता ने जवाब दिया कि उन्हें तीन महीने की पेरोल की मांग नहीं करनी चाहिए थाी।

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता सरकार से यह अनुरोध क्यों नहीं करता क्योंकि सरकार ने ही उसकी रिहाई की सिफारिश की है।

शंकरनारायणन ने कहा कि यह शायद उचित नहीं होगा क्योंकि पिछली बार इस न्यायालय ने पेरोल की अवधि बढ़ाई थी।

श्रीनिवासन ने कहा कि संबंधित नियमों के अनुसार पेरारीवलन हर दो साल में 30 दिन की पेरोल का हकदार है लेकिन अभी तक वह 51 दिन की अधिक पेरोल ले चुका है।

उन्होंने कहा कि पेरारीवलन 25 किमी दूर स्थित सीएमसी वेल्लोर नहीं बल्कि यहां से 200 किमी दूर स्थित अस्पताल जाना चाहता है।

न्यायालय ने 23 नवंबर को पेरारीवलन की पैरोल की अवधि सोमवार को एक हफ्ते के लिए बढ़ा दी ताकि वह अपनी डॉक्टरी जांच करा सके।

इससे पहले, 20 नवंबर को न्यायालय में दाखिल हलफनामे में सीबीआई ने कहा था कि पेरारीवलन को माफी देने के मुद्दे पर तमिलनाडु के राज्यपाल को फैसला करना है।

न्यायालय ने तीन नवंबर को सुनवाई के दौरान राजीव गांधी हत्याकांड मामले में दोषी पेरारीवलन की सजा माफी की याचिका तमिलनाडु के राज्यपाल के पास दो साल से भी ज्यादा समय से लंबित होने पर नाराजगी व्यक्त की थी।

अनूप

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\