Pakistan: सत्तारूढ़ गठबंधन के दल ने इमरान का ‘‘समर्थन’’ करने पर न्यायपालिका के खिलाफ किया प्रदर्शन
पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल एक इस्लामी दल ने कई मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को कथित रूप से ‘‘राहत’’ देने को लेकर उच्चतम न्यायालय समेत देश की न्यायपालिका के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन किया.
इस्लामाबाद, 15 मई: पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल एक इस्लामी दल ने कई मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को कथित रूप से ‘‘राहत’’ देने को लेकर उच्चतम न्यायालय समेत देश की न्यायपालिका के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन किया. यह भी पढ़ें: Imran Khan's Wife Bushra Gets Bail: इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को लाहौर HC से राहत, अल-कादिर ट्रस्ट मामले में 23 मई तक मिली जमानत
‘डॉन न्यूज’ ने बताया कि जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों समेत कई प्रदर्शनकारियों ने देश की राजधानी में धारा 144 लागू होने के बावजूद ‘रेड जोन’ (वर्जित क्षेत्र) में प्रवेश किया.
देश के 13 राजनीतिक दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वह पूर्व प्रधानमंत्री खान के प्रति कथित न्यायिक समर्थन के विरोध में सोमवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष धरना देगा.
‘जियो न्यूज’ ने इस्लामाबाद पुलिस प्रवक्ता के हवाले से कहा, ‘‘पीडीएम कार्यकर्ता उच्चतम न्यायालय के द्वार के बाहर पहुंचे। प्रदर्शनकारी ‘रेड जोन’ में घुस आए, लेकिन हालात शांतिपूर्ण हैं.’’ प्रदर्शनस्थल को लेकर जेयूआई-एफ और प्राधिकारियों के बीच वार्ता विफल रही, जिसके बाद पार्टी ने न्यायालय परिसर के बाहर प्रदर्शन करने का संकल्प लिया.
पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने खान की जमानत शुक्रवार को मंजूर कर ली थी. खान (70) को मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से गिरफ्तार किया गया था और जवाबदेही अदालत ने उन्हें अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में आठ दिन के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की हिरासत में भेज दिया था.
खान ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय के बाहर किए जा रहे जेयूआई-एफ के ‘‘नाटक’’ का एकमात्र उद्देश्य पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश को डराना है, ताकि वह संविधान के अनुसार फैसला न करें.
खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में मंगलवार को हिंसक प्रदर्शन शुरू हुए थे, जो शुक्रवार तक जारी रहे. इन प्रदर्शनों में कई लोगों की मौत हो गई और दर्जनों सैन्य एवं सरकारी संस्थानों के परिसरों को नुकसान पहुंचा.
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