जरुरी जानकारी | वृद्धि पर जोर देने वाले बजट से शेयर बाजार में बहार, लगायी अब तक की दूसरी सबसे बड़ी छलांग

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने वाले बजट ने सोमवार को शेयर बाजार में नए उत्साह का संचार किया और बाजार ने लगातार छह दिनों की गिरावट को पीछे छोड़ कर जोरदार उछाल दर्ज किया। बजट में कर की दरें बढ़ाने से बचते हुए बुनियादी संरचना, स्वास्थ्य सेवाओं तथा कृषि क्षेत्र पर अधिक खर्च का प्रस्ताव किया गया है। इससे उत्साहित लिवाली के समर्थन से प्रमुख शेयर सूचकांकों ने अपनी दूसरी सबसे बड़ी छलांग लगायी।

मुंबई, एक फरवरी आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने वाले बजट ने सोमवार को शेयर बाजार में नए उत्साह का संचार किया और बाजार ने लगातार छह दिनों की गिरावट को पीछे छोड़ कर जोरदार उछाल दर्ज किया। बजट में कर की दरें बढ़ाने से बचते हुए बुनियादी संरचना, स्वास्थ्य सेवाओं तथा कृषि क्षेत्र पर अधिक खर्च का प्रस्ताव किया गया है। इससे उत्साहित लिवाली के समर्थन से प्रमुख शेयर सूचकांकों ने अपनी दूसरी सबसे बड़ी छलांग लगायी।

बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स एक समय 48,764.40 अंक के दिन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। अंत में यह 2,314.84 अंक यानी पांच प्रतिशत की बढ़त के साथ 48,600.61 अंक पर बंद हुआ। यह सेंसेक्स की दूसरी सबसे बड़ी छलांग रही तथा करीब 10 महीने का यह सबसे अच्छा दिन रहा।

इसी तरह एनएसई का निफ्टी भी 646.60 अंक यानी 4.74 प्रतिशत बढ़कर 14,281.20 अंक पर बंद हुआ।

बैंकिंग व वित्तीय कंपनियों के शेयरों ने तेजी की अगुवाई की। हालांकि बाजार में व्यापक स्तर पर खरीदारी देखी गयी।

सेंसेक्स की कंपनियों में इंडसइंड बैंक सर्वाधिक 14.75 प्रतिशत के फायदे में रहा। आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, भारतीय स्टेट बैंक, एलएंडटी और एचडीएफसी के शेयरों में तेजी रही।

इनके विपरीत सिर्फ तीन कंपनियों डॉ रेड्डीज, टेक महिंद्रा और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर 3.70 गिरावट में रहे।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च को दो गुना से अधिक करने का प्रस्ताव किया। इसके अलावा पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपये करने तथा किसानों की आय बेहतर बनाने के लिये कुछ उत्पादों पर 100 प्रतिशत तक कृषि बुनियादी संरचना उपकर लगाने का प्रस्ताव किया गया है। हालांकि उपभोक्ताओं पर बोझ कम करने के लिये इन उत्पादों पर सीमा शुल्क को कम किया गया है।

पेट्रोल पर 2.5 रुपये और डीजल पर चार रुपये प्रति लीटर का उपकर लगाया गया है, लेकिन इनके उत्पाद शुल्क में इतनी ही कटौती भी की गयी है।

सरकार ने बजट में चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 9.5 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान व्यक्त किया है।

कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक बाजारों की तेजी के दम पर भारतीय बाजार बढ़त में खुले। कारोबार के दौरान बाजार ने बजट पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।

कोटक सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जयदीप हंसराज ने कहा, ‘‘यह इस महामारी के दौर में शानदार बजट है। बाजार ने स्पष्ट रूप से इसका स्वागत किया है। इससे अधिक की मांग कोई कर ही नहीं सकता था। ...सरकार ने आर्थिक वृद्धि के लिये राजकोषीय घाटे की कुर्बानी दी है।’’

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रबंध निदेशक कृष्ण कुमार कारवा ने कहा, ‘‘प्रत्यक्ष कर में बिना बदलाव वाले बजट को निश्चित तौर पर आने वाले कई साल तक याद किया जायेगा। शेयर बाजार किसी प्रकार का कोविड कर नहीं लगाने तथा पूंजीगत लाभ पर कर की व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं करने से उत्साहित होगा।’’

बजट में बुनियादी संरचना और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर अधिक खर्च का प्रावधान किये जाने का निवेशकों ने स्वागत किया। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, ‘‘यह निश्चित तौर पर वृद्धि पर केंद्रित बजट है। पहले डर था कि इस बजट में कोविड-कर और आयकर पर अधिभार लगाया जा सकता है पर ऐसा न होने से बड़ी राहत मिली है। दो राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण और भूखंड जैसी संपत्तियों के मौद्रिकरण के प्रस्ताव स्पष्ट रूप से सकारात्मक हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करना स्वागतयोग्य है। बजट पर बाजार की प्रतिक्रिया से वृद्धि को लेकर आशावाद दिखता है। संक्षेप में कहें तो वित्त मंत्री ने इस मुश्किल समय में प्रगतिशील, बिंदास और दूरदर्शी बजट पेश किया है।’’

रिलायंस सिक्योरिटीज के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी लव चतुर्वेदी ने कहा कि बजट में प्रस्तावित एकल प्रतिभूति बाजार संहिता से भारतीय वित्त बाजार में कारोबार सुगम होगा।

बीएसई के सभी समूह मजबूत वृद्धि में रहे। बैंक, वित्त, रियल्टी, पूंजीगत वस्तुओं और धातु समूह के सूचकांक 8.33 प्रतिशत तक की तेजी में रहे।

बीएसई का मिडकैप और स्मॉलकैप भी 3.03 प्रतिशत तक चढ़ गया।

मुद्रा बाजार में रुपया छह पैसे गिरकर 73.02 प्रति डॉलर पर आ गया।

चुनिंदा शेयरों में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ने से वैश्विक बाजार बढ़त में रहे। एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कोस्पी और जापान का निक्की तेजी में बंद हुए। यूरोपीय बाजार कारोबार के दौरान तेजी में चल रहे थे।

इस बीच कच्चा तेल का वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.89 प्रतिशत बढ़कर 55.51 डॉलर प्रति बैरल पर था।

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