ताजा खबरें | रास में विपक्ष का हंगामा, बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. पेगासस जासूसी विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर अड़े विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

नयी दिल्ली, चार अगस्त पेगासस जासूसी विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर अड़े विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने कार्य मंत्रणा समिति की कल हुयी बैठक में कुछ विधेयकों पर चर्चा और उन्हें पारित करने के लिए समय तय किए जाने के बारे में सदन को सूचित किया। उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी के रामगोपाल वर्मा और विश्वंभर प्रसाद निषाद तथा डॉक्टर वी शिवदासन की ओर से नियम 267 के तहत किसान आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस मिले हैं। उन्होंने इस मुद्दे को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इस पर अन्य नियम के तहत चर्चा की अनुमति दी जाती है।

सभापति ने कहा कि कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, के सी वेणुगोपाल, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, वाम सदस्यों विनय विश्वम तथा इलामारम करीम की ओर से भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं जिन्हें स्वीकार नहीं किया गया है।

नायडू के इतना कहते ही कुछ विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समक्ष आ गए और अपने अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। सभापति ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति, महंगाई और अन्य मुद्दों पर भी चर्चा के लिए सरकार तैयार है।

हंगामा थमते न देख उन्होंने कहा कि जो सदस्य आसन के समक्ष आ गए हैं और तख्तियां दिखा रहे हैं उनके नाम नियम 255 के तहत प्रकाशित किए जाएंगे और उन्हें सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया जाएगा।

इतने पर भी हंगामा नहीं थमा तब सभापति ने आसन के समक्ष तख्तियां ले कर हंगामा कर रहे सदस्यों से सदन से नियम 255 के तहत बाहर चले जाने को कहा। उन्होंने राज्यसभा के महासचिव से इन सदस्यों के नाम देने को भी कहा।

नायडू ने पुन: सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील की। सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब 15 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले, बैठक शुरू होने पर जब सभापति की अनुमति से संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कार्यसूची में उल्लिखित विभिन्न मंत्रालयों के दस्तावेज सदन के पटल पर रखे तब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि मंत्रालयों के दस्तावेज संबंधित मंत्रियों द्वारा सदन के पटल पर रखे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि अपरिहार्य परिस्थितियों में ही, आसन की अनुमति से संसदीय कार्य राज्य मंत्री अन्य मंत्रियों के दस्तावेज पटल पर रख सकते हैं। शर्मा ने कहा कि जब मंत्री सदन में मौजूद हैं तब दस्तावेज उन्हें ही पटल पर रखना चाहिए।

इस पर सभापति नायडू ने कहा कि कोविड-19 की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने संसदीय कार्य राज्य मंत्री को विभिन्न मंत्रालयों के दस्तावेज पटल पर रखने की अनुमति दी थी।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\