नयी दिल्ली, 18 दिसंबर संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर विपक्ष के सदस्यों के जोरदार हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गत 13 दिसंबर को सदन में दो युवकों के दर्शक दीर्घा से कूदने की सुरक्षा में चूक संबंधी घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से चिंता जताई थी और सदन में विभिन्न दलों के नेताओं के सुझाव के आधार पर उन्होंने कुछ सुरक्षा उपाय किए हैं और कुछ पर भविष्य में अमल किया जाएगा।
उन्होंने सदन की अवमानना के मामले में पिछले सप्ताह विपक्ष के 13 सदस्यों को निलंबित किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि निलंबन का सुरक्षा में चूक की घटना से कोई संबंध नहीं है और इसका संबंध संसद की गरिमा एवं प्रतिष्ठा बनाये रखने से है।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी सदस्य को निलंबित किया जाता है तो मुझे व्यक्तिगत पीड़ा होती है।’’
उन्होंने विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे को लेकर निराशा प्रकट करते हुए कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण कि हम ऐसी घटनाओं को लेकर राजनीति कर रहे हैं। यह राजनीति करने वाली घटनाएं नहीं हैं।’’
बिरला ने कहा कि नए संसद भवन में कामकाज शुरू करने से पहले सभी दलों के नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई थी कि सदन में तख्तियां लेकर प्रदर्शन नहीं किया जाएगा और सदन की गरिमा एवं मर्यादा को बनाकर रखा जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘नई संसद में कामकाज शुरू होने से पहले यह तय हुआ था कि (सदस्य) तख्ती लेकर नहीं आएंगे, उच्चकोटि की मर्यादाओं को बनाकर रखेंगे। संसद की मर्यादा और गरिमा बनाकर रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। हम सभी को संसद की परिपाटियों और परंपराओं का पालन करना चाहिए।’’
बिरला ने कहा, ‘‘लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मेरा सार्थक, सकारात्मक चर्चा कराने का प्रयास रहता है। असहमति हो सकती है, लेकिन सकारात्मक तरीके से हो। तख्तियां लाना, नारेबाजी करना, आसन के समीप आना सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं है। देश की जनता भी इसे पसंद नहीं करती।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने, लोकतंत्र मजबूत करने, व्यापक चर्चा और संवाद के साथ जनता की भलाई के लिए मैं आपका सहयोग चाहता हूं।’’
अध्यक्ष ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘मेरा निवेदन है कि राष्ट्रहित में आप मुझे सहयोग करें। पूर्व में भी आपका सहयोग मिला है, लेकिन ये तख्तियां लेकर आना उचित नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप सबने कहा था कि तख्तियां लेकर नहीं आएंगे। आप फिर भी ऐसा कर रहे हैं और सदन की मर्यादा तोड़ रहे हैं। सदन तभी चलेगा जब तख्तियां लेकर नहीं आएंगे।’’
उन्होंने कहा कि सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर उच्च-स्तरीय जांच शुरू हो गई है और संसद स्तर पर भी जांच के लिए उच्चाधिकार-प्राप्त समिति बनाई गई है, जो संसद में सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेगी तथा सुरक्षा व्यवस्था बेहतर करने के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी, ताकि भविष्य में कोई ऐसी घटना न घटे।
संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को, सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया।
बिरला ने कहा कि पहले भी सदन में नारेबाजी, पर्चियां फेंकने और सदन में कूदने की घटनाएं घट चुकी हैं और तब भी सदस्यों ने सामूहिकता से काम किया था एवं ऐसी घटनाओं के विरोध में एक स्वर में एक साथ मिलकर दृढ़संकल्प (इरादा) जताया था।
उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा संसदीय सचिवालय के तहत आती है और इसकी कार्ययोजना बनाने का काम संसद का है।
बिरला ने कहा कि पहले की घटनाओं पर भी तत्कालीन अध्यक्षों ने संज्ञान लेकर कार्रवाई की थी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मुद्दे पर संसद ही कार्ययोजना बनाएगी और आवश्यकता होगी तो सरकार का सहयोग लिया जा सकता है, लेकिन यह विषय संसद के क्षेत्राधिकार का ही रहना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी जिम्मेदारी है, संसद सचिवालय की जिम्मेदारी है। हर चिंता का समाधान निकालेंगे।’’
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सभी दलों के सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय किया था कि सदन में तख्तियां लेकर नहीं आएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘व्यावहारिक तौर पर यह 17वीं लोकसभा का अंतिम सत्र है। हम सभी को चर्चा करनी चाहिए। महत्वपूर्ण कामकाज होना है।’’
जोशी ने कहा कि घटना के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों को पत्र भी लिखा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी हाथ जोड़कर सभी से प्रार्थना है कि सदन को चलाएं।’’
हालांकि, विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही और अध्यक्ष बिरला ने बैठक शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले उन्होंने सदन की विशिष्ट दीर्घा में श्रीलंका संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अबेवर्धने के नेतृत्व में श्रीलंकाई संसदीय शिष्टमंडल के सदस्यों की उपस्थिति की जानकारी दी और उनकी सुखद भारत यात्रा की कामना की।
बिरला ने सदन को कुवैत के अमीर शेख नवाफ अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के निधन की भी जानकारी दी और सदन ने कुछ क्षण मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
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