देश की खबरें | दमनकारी आपराधिक विधेयकों को पारित करने के लिए विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया : कांग्रेस

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कांग्रेस ने औपनिवेशिक काल से चले आ रहे आपराधिक कानूनों के स्थान पर लाए गए तीनों विधेयकों को लोकसभा की मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को आरोप लगाया कि इन ''दमनकारी'' विधेयकों को पारित कराने के लिये ही लोकसभा एवं राज्यसभा से विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया।

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर कांग्रेस ने औपनिवेशिक काल से चले आ रहे आपराधिक कानूनों के स्थान पर लाए गए तीनों विधेयकों को लोकसभा की मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को आरोप लगाया कि इन ''दमनकारी'' विधेयकों को पारित कराने के लिये ही लोकसभा एवं राज्यसभा से विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, "आज गृह मंत्री ने बिना किसी विरोध के तीन दमनकारी आपराधिक न्याय विधेयकों को लोकसभा में पारित करा लिया। कल वह इन्हें राज्यसभा में भी पारित करा लेंगे।’’

उन्होंने कहा, "अब आप जानते हैं कि 'इंडिया ' गठबंधन के 144 सांसदों को संसद के दोनों सदनों से बाहर क्यों निकाला गया।"

लोकसभा ने औपिनवेशिक काल से चले आ रहे तीन आपराधिक कानूनों के स्थान पर सरकार द्वारा लगाए गए विधेयकों को बुधवार को मंजूरी दे दी।

सदन ने लंबी चर्चा और गृहमंत्री अमित शाह के विस्तृत जवाब के बाद भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023 को ध्वनमित से अपनी स्वीकृति दी।

ये तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी),1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के स्थान पर लाये गए हैं।

विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानवाधिकार और सबके साथ समान व्यवहार’ रूपी तीन सिद्धांत के आधार पर ये प्रस्तावित कानून लाये गए हैं।

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