देश की खबरें | विपक्षी नेताओं ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष से दलबदलुओं को अयोग्य घोषित करने की मांग की

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बिहार में विपक्ष के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव से मुलाकात की और सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुए छह विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग को दोहराया।

पटना, आठ जनवरी बिहार में विपक्ष के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव से मुलाकात की और सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुए छह विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग को दोहराया।

बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने किया।

सिद्दीकी ने कहा कि वे यादव के इस तर्क से संतुष्ट नहीं हैं कि सभी दलबदलुओं को नोटिस जारी किए गए हैं और जवाब मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

सिद्दीकी ने पत्रकारों से कहा, "हमने अध्यक्ष को पुरानी कहावत याद दिलाई कि न्याय में देरी न्याय से वंचित करने के समान है। यह दलबदल विरोधी कानून के उल्लंघन का मामला है और अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो गलत मिसाल कायम होगी।"

गौरतलब है कि पिछले साल फरवरी में कांग्रेस के मुरारी गौतम और सिद्धार्थ सौरव के अलावा राजद विधायक संगीता कुमारी, नीलम देवी, प्रह्लाद यादव और चेतन आनंद राजग में शामिल हो गए थे।

यह घटनाक्रम राज्य में नयी सरकार के गठन की पृष्ठभूमि में हुआ था, जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन से नाता तोड़कर एक बार फिर राजग में लौट आए थे।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल राजद नेता रणविजय साहू ने कहा, ‘‘बिहार में जो कुछ हो रहा है, वह अप्रत्याशित है। दलबदल हुए एक साल हो गया है। अध्यक्ष कब तक टालमटोल कर सकते हैं? कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।"

राजद नेता भाई वीरेंद्र ने कहा, "दलबदलू नेता बिना किसी रोक-टोक के विधानसभा सत्र में भाग ले रहे हैं और सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों के लिए आरक्षित सीट पर बैठ रहे हैं। हमने पहले भी विरोध जताया है। अगर अगले सत्र तक कार्रवाई नहीं की गई, तो कार्यवाही में और व्यवधान देखने को मिल सकता है।"

प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास ने कहा, "हमने अध्यक्ष से अपने दायित्वों का निर्वहन करने का आग्रह किया है, ताकि संविधान के उन प्रावधानों को बरकरार रखा जा सके, जो राजनीतिक दलों के सदस्यों को दल बदलने से रोकते हैं।"

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\