देश की खबरें | आंबेडकर से संबंधित टिप्पणी को लेकर विपक्ष ने गृह मंत्री का इस्तीफा मांगा
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नयी दिल्ली, 18 दिसंबर विपक्ष ने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर से संबंधित गृह मंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर बुधवार को सरकार एवं भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और कहा कि संविधान निर्माता का अपमान करने के लिए शाह को इस्तीफा देना चाहिए।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राजद, वाम दलों और शिवसेना (उबाठा) सहित लगभग सभी विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को संसद के दोनों सदनों में जोरदार ढंग से उठाया जिसके कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शाह का जोरदार बचाव किया तो शाह ने भी विपक्ष खासकर कांग्रेस पर जवाबी हमला बोला।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने राज्यसभा में शाह के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने के लिए एक नोटिस भी दिया।
विपक्षी दलों ने इस विषय को लेकर दिल्ली और कई अन्य राज्यों में विरोध प्रदर्शन किया।
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय के निकट प्रदर्शन किया तथा ‘अमित शाह माफी मांगो, अमित शाह शर्म करो’ के नारे लगाए।
कांग्रेस ने कहा कि यदि शाह इस्तीफा नहीं देते हैं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनका बचाव करने के बजाय आज रात 12 बजे तक उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री को बाबासाहेब के प्रति थोड़ी भी श्रद्धा है तो उन्हें यह कदम उठाना चाहिए।
उनका यह भी कहना था कि शाह को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश संविधान निर्माता का अपमान सहन नहीं करेगा तथा गृह मंत्री को माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने यह दावा भी किया कि भाजपा संविधान और बाबासाहेब द्वारा किए गए काम को खत्म करना चाहती है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शाह का जोरदार बचाव करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने संविधान निर्माता का अपमान करने के कांग्रेस के काले इतिहास की पोल खोल दी, जिससे मुख्य विपक्षी पार्टी स्तब्ध है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और उसके ‘दूषित इकोसिस्टम’ को लगता है कि उसके ‘दुर्भावनापूर्ण झूठ’ संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर के प्रति उसके कई वर्षों के ‘कुकर्मों’ को छिपा सकते हैं तो वह ‘गंभीर भूल’ कर रही है।
शाह ने स्वयं यहां भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कल से कांग्रेस ने जिस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है, वह अत्यंत निंदनीय है। मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बी आर आंबेडकर के बारे में की गई टिप्पणी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की ‘जातिवादी और दलित विरोधी मानसिकता’ का प्रदर्शन है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने टिप्पणी को अपमानजनक करार दिया और कहा कि यह उन लाखों लोगों का अपमान है जो मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए आंबेडकर की ओर देखते हैं।
शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी भाजपा के ‘अहंकार’ को दर्शाती है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भाजपाई कान खोल कर सुन लें, बाबासाहेब आंबेडकर हमारे ‘फैशन’ भी हैं, पैशन भी हैं’।’’
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