जरुरी जानकारी | ओएनजीसी का पुरान रिग ‘सागर सम्राट’ अब नये रूप में, अरब सागर में तेल, गैस उत्पादन शुरू किया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी का खुदाई में उपयोग होने वाला पुराना अपतटीय रिग ‘सागर सम्राट’ अब नये अवतार में है। इसे मोबाइल उत्पादन इकाई का रूप दिया गया है और इसने पिछले महीने काम शुरू किया। ओएनजीसी ने मंगलवार को एक बयान में यह कहा।
नयी दिल्ली, तीन जनवरी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी का खुदाई में उपयोग होने वाला पुराना अपतटीय रिग ‘सागर सम्राट’ अब नये अवतार में है। इसे मोबाइल उत्पादन इकाई का रूप दिया गया है और इसने पिछले महीने काम शुरू किया। ओएनजीसी ने मंगलवार को एक बयान में यह कहा।
इस पुराने रिग को एक मोबाइल अपतटीय उत्पादन इकाई (एमओपीयू) के रूप में नवीनीकृत किया गया है। यह समुद्री तल में पाये जाने वाले तेल और गैस को सतह पर लाने में सक्षम है।
सागर सम्राट एमओपीयू को पिछले साल 23 दिसंबर को चालू किया गया। यह प्रतिदिन 20,000 बैरल कच्चे तेल का प्रबंध करेगा। जबकि इसकी अधिकतम गैस क्षमता 23.6 लाख घन मीटर प्रतिदिन है। इसके जरिये आने वाले दिनों में ओएनजीसी के उत्पादन में प्रतिदिन 6,000 बैरल तेल का इजाफा होने की उम्मीद है।
ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने एक बयान में कहा, ‘‘डब्ल्यूओ-16 संकुल से तेल की पहली खेप एमओपीयू की प्रसंस्करण प्रणाली में प्रवाहित हुई और इसे तटवर्ती टर्मिनल को भेजा जाना शुरू हो गया है।’’
डब्ल्यूओ-16, अरब सागर में चार सीमांत फील्डों का संकुल है। यह मुंबई से 130 किलोमीटर दूर 75 से 80 मीटर की गहराई में स्थित है।
कंपनी के अनुसार, ‘‘चूंकि इस फील्ड से उत्पादन को लेकर कोई आसपास सुविधा उपलब्ध नहीं है, ऐसे में डब्ल्यूओ 16 संकुल से उत्पादन, प्रसंस्करण और परिवहन को लेकर एमओपीयू स्थापित करने की योजना बनायी गयी।’’
‘जैक-अप रिग’ सागर सम्राट को एमओपीयू में बदलने की परियोजना मर्केटर ऑयल एंड गैस लिमिटेड, मर्केटर ऑफशोर (प्राइवेट) लिमिटेड और गल्फ पाइपिंग कंपनी (जीपीसी) के एक समूह को 17 नवंबर, 2011 को दी गई थी।
बयान में कहा गया है, ‘‘कानूनी चुनौतियों और कोविड-19 जैसी कई बाधाओं के बाद, एमओपीयू को भारत लाया गया और सांविधिक मंजूरी के बाद 16 अप्रैल, 2022 को डब्ल्यूओ-16 वेलहेड प्लेटफॉर्म के करीब सफलतापूर्वक स्थापित किया गया।’’
कंपनी की सागर सम्राट रिग में बदलाव एक जटिल परियोजनाओं में से एक है।
सागर सम्राट 1973 में विनिर्मित एक ‘जैक-अप ड्रिलिंग रिग’ है। इस रिग ने 1974 में भारत के सबसे बड़े तेल क्षेत्र, मुंबई हाई की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इस दौरान, इसने 125 से अधिक कुओं की खुदाई की है और 14 प्रमुख अपतटीय तेल और गैस खोजों में शामिल रही है।
जैक-अप रिग के रूप में अपना जीवन बिताने के बाद, इसे डब्ल्यूओ-16 संकुल से उत्पादन के लिये एमओपीयू में बदलने का निर्णय किया गया। बाद में, इसे अन्य खोजों को वास्तविक रूप देने के लिये अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
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