देश की खबरें | उत्तराखंड में प्रश्नपत्र लीक घोटाले में एक और गिरफतारी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने मामले में विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने बुधवार को 35 वीं गिरफ्तारी की जबकि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने फरार चल रहे दो मुख्य आरोपियों- सादिक मूसा और योगेश्वर राव की गिरफ्तारी के लिए क्रमशः दो लाख और एक लाख रुपये के नकद इनामों की घोषणा की ।
देहरादून, सात सितंबर उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने मामले में विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने बुधवार को 35 वीं गिरफ्तारी की जबकि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने फरार चल रहे दो मुख्य आरोपियों- सादिक मूसा और योगेश्वर राव की गिरफ्तारी के लिए क्रमशः दो लाख और एक लाख रुपये के नकद इनामों की घोषणा की ।
मूसा और राव दोनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं । मूसा अंबेडकर नगर का रहने वाला है जबकि राव गाजीपुर का निवासी है ।
एसटीएफ द्वारा बुधवार को गिरफ्तार किये गये आरोपी का नाम संदीप शर्मा है जो ऊधमसिंह नगर जिले के जसपुर का रहने वाला है ।
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, शर्मा पर आरोप है कि वह ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिलों से उम्मीदवारों को गाजियाबाद के एक फलैट में ले गया और वहां उन्हें प्रश्नपत्र हल करने में मदद की । विज्ञप्ति के अनुसार जसपुर और ठाकुरद्वारा में उसके तीन आयुर्वेदिक और पैरा मैडिकल कॉलेज हैं ।
शर्मा से हुई पूछताछ के आधार पर दो दर्जन से अधिक ऐसे अभ्यर्थियों की पहचान हुई है जिन्होंने परीक्षा उत्तीर्ण करने में इसका लाभ लिया ।
एसटीएफ इस मामले के अलावा दो अन्य मामलों, सचिवालय रक्षक और वन दरोगा भर्ती परीक्षा घोटालों की भी जांच कर रही है । तीनों मामलों में अब तक 38 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं ।
इसी बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फिर दोहराया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि प्रश्नपत्र लीक मामले में लिप्त अपराधियों को बिना सजा के नहीं छोड़ा जाएगा।’’
उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से भरे जाने वाले पदों पर नियुक्तियों के लिए राज्य सरकार अब सिविल सेवा आयोग से अनुरोध करेगी ।
उन्होंने कहा, ‘‘ प्रश्नपत्र लीक मामले में चल रही जांच के कारण पदों पर नियुक्तियों में देर हो सकती है ।’’
विपक्षी कांग्रेस द्वारा मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) से कराए जाने की मांग के संबंध में पूछे जाने पर धामी ने कहा, ‘‘हाल तक देश भर में सीबीआइ कार्यालयों के बाहर धरना और प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस अब उसी एजेंसी से जांच कराने की मांग कर रही है । इससे एक बार फिर पार्टी का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है ।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ जांच पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से की जा रही हैं और अनियमितताओं में लिप्त किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा ।’’
दीप्ति
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