History of May 23: आज ही के दिन चीन ने तिब्बत पर किया था कब्जा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. इतिहास में 23 मई का दिन तिब्बत पर चीन के औपचारिक कब्जे के रूप में दर्ज है। चीन के इस कदम का तिब्बत और दुनिया के कई देशों में जमकर विरोध हुआ था।
नयी दिल्ली,23 मई: इतिहास में 23 मई का दिन तिब्बत पर चीन के औपचारिक कब्जे के रूप में दर्ज है. चीन के इस कदम का तिब्बत और दुनिया के कई देशों में जमकर विरोध हुआ था. देश-दुनिया के इतिहास में 23 मई की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा. यह भी पढ़ें: History of May 22: आज ही के दिन दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर एवरेस्ट पर पहुंच कर बछेन्द्री पाल ने रचा था इतिहास
इस प्रकार है:-
1848 : अमेरिका के राइट बंधुओं से भी पहले ग्लाइडर बनाकर इंसान को पहली बार उड़ना सिखाने वाले ओटो लिलिएंथल का जन्म। 1919 : जयपुर राजघराने की राजमाता महारानी गायत्री देवी का जन्म.
1945 : जर्मन तानाशाह हिटलर की यहूदी विरोधी खुफिया सेवा के प्रमुख हेनरिख हिमलर ने अंतरराष्ट्रीय संयुक्त सेनाओं की हिरासत में आत्महत्या की. 1951 : चीन ने एक स्वायत्त क्षेत्र के रूप में तिब्बत पर कब्जा कर लिया.
1977 : चरमपंथियों ने उत्तरी हालैंड के एक प्राथमिक स्कूल और एक ट्रेन में घुसकर कई लोगों को बंधक बना लिया. कमांडो कार्रवाई के जरिए इस संकट को सुलझाने में बीस दिन का समय लगा.
1986 : अमेरिका और पश्चिम यूरोपीय देशों ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ प्रतिबंधों के प्रस्ताव पर वीटो किया.
1994 : सऊदी अरब में भगदड़ से 270 तीर्थयात्रियों की मौत.
2004 : बांग्लादेश में तूफान के कारण मेघना नदी में नाव पलटने से 250 डूबे.
2008 : भारत ने सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल ‘पृथ्वी-2’ का सफल परीक्षण किया.
2009 : भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति 'रोह मू ह्यून' ने अपने घर के नजदीक पहाड़ियों से छलांग लगाकर आत्महत्या की.
2010 : उच्चतम न्यायालय ने बिना विवाह किये महिला और पुरुष के एक साथ रहने को अपराध की श्रेणी से बाहर किया.
2014 : रूस और चीन ने सीरिया में युद्ध अपराधों के लिए अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय की स्थापना के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो शक्ति का प्रयोग किया.
2021 : चीन में खराब मौसम के कारण मैराथन में भाग लेने वाले 21 लोगों की मौत.
2022 : जिनेवा में संरा कार्यालय में तैनात रूसी राजनयिक ने यूक्रेन युद्ध के विरोध में इस्तीफा दिया और कहा कि वह अपने देश की सैन्य कार्रवाई को लेकर शर्मिंदा हैं.
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