देश की खबरें | कडक्कल मंदिर विवाद पर अलोशी एडम्स ने कहा : गाने दर्शकों की मांग पर गाए

कोल्लम (केरल), चार अप्रैल केरल के कोल्लम जिले में एक मंदिर में उत्सव के दौरान कथित तौर पर क्रांतिकारी गीत गाने को लेकर विवादों में आए गायक अलोशी एडम्स ने शुक्रवार को कहा कि वह सिर्फ दर्शकों की मांग पर गाने गा रहे थे और इस पर विवाद खड़ा करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

एडम्स इस मामले में प्रथम आरोपी हैं। उनके साथ दो अन्य लोग भी हैं, जिनका नाम प्राथमिकी में नहीं है, लेकिन वे मंदिर सलाहकार समिति के सदस्य बताए जा रहे हैं।

एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान गायक ने कहा कि उन्हें मामले की विस्तृत जानकारी नहीं है, क्योंकि उन्हें प्राथमिकी दर्ज होने के बारे में मीडिया की खबरों के माध्यम से पता चला।

उन्होंने कहा, "जैसा कि मैंने पहले कहा था, गाने दर्शकों के अनुरोध पर गाए गए थे। मैंने पहले भी मंदिर के कार्यक्रमों में क्रांतिकारी गीत गाए हैं।"

उन्होंने यह भी कहा कि महोत्सव के आयोजकों में से किसी ने भी इस बारे में कोई निर्देश नहीं दिया था कि किस प्रकार के गाने गाए जाएं और किस प्रकार के गानों को नहीं गाया जाए।

एडम्स ने कहा कि यह घटनाक्रम अप्रत्याशित था, लेकिन उनके पास इसका कानूनी रूप से सामना करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।

यह विवाद कडक्कल मंदिर उत्सव के दौरान एडम्स द्वारा 'क्रांतिकारी गीत' गाये जाने के बाद उत्पन्न हुआ। मंदिर उत्सव के दौरान एडम्स ने एक गीत मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दिवंगत कार्यकर्ता पुथुकुडी पुष्पन के बारे में गाया। पुष्पन 1994 के कुथुपरम्बा पुलिस गोलीबारी मामले में जीवित बचे लोगों में से एक थे।

कार्यक्रम के दौरान पृष्ठभूमि में ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (डीवाईएफआई) और माकपा के झंडे और प्रतीक प्रदर्शित किए गए, जिसके कारण कानूनी कार्रवाई की गई।

पुलिस ने कहा कि डीवाईएफआई और माकपा के झंडे और प्रतीकों को प्रदर्शित करने के साथ-साथ "क्रांतिकारी गीत" गाना, मंदिर के उत्सवों में राजनीतिक प्रतीकों और विचारधाराओं के उपयोग पर रोक लगाने वाले नियमों का उल्लंघन है।

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