देश की खबरें | ओमीक्रोन का खतरा : केंद्र ने राज्यों को मामलों का शीघ्र पता लगाने के लिए जांच बढ़ाने की सलाह दी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केंद्र ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर पैदा चिंताओं के बीच मंगलवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को किसी मामले की जल्द पहचान के लिए जांच बढ़ाने, विदेश से आने वाले यात्रियों की प्रभावी निगरानी करने और ‘हॉटस्पॉट’ की सख्त निगरानी करने की सलाह दी।
नयी दिल्ली, 30 नवंबर केंद्र ने कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर पैदा चिंताओं के बीच मंगलवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को किसी मामले की जल्द पहचान के लिए जांच बढ़ाने, विदेश से आने वाले यात्रियों की प्रभावी निगरानी करने और ‘हॉटस्पॉट’ की सख्त निगरानी करने की सलाह दी।
हालांकि, केंद्र ने यह भी रेखांकित किया कि ऐसा नहीं है कि सार्स-सीओवी-2 का ओमीक्रोन स्वरूप आरटी-पीसीआर और आरएटी जांच की पकड़ में नहीं आता। हॉटस्पॉट वह स्थान होता है जहां अधिक संख्या में कोविड-19 के मामले सामने आते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को संसद में कहा कि अभी तक देश में कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन का कोई मामला सामने नहीं आया है और सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है कि यह देश में नहीं पहुंचे।
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एक दिसंबर से लागू होने वाले नये दिशा-निर्देशों का सुचारू रूप से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करने की सलाह दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा ‘चिंताजनक स्वरूप’ के रूप में वर्णित ओमीक्रोन के 12 से ज्यादा देशों में मामले आ चुके हैं।
कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के मामले कई देशों में सामने आने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ डिजिटल तरीके से एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में कोविड-19 के खिलाफ जनस्वास्थ्य प्रतिक्रिया उपायों और तैयारियों की समीक्षा की गई।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि मंत्रालय के संशोधित दिशानिर्देशों और अंतरराष्ट्रीय यात्रा परामर्श को राज्यों के साथ साझा किया गया है। भूषण ने राज्यों को सलाह दी कि वे अपने बचाव उपायों को कम न करें और विभिन्न हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमापार बिंदुओं से देश में आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी निगरानी रखें।
भूषण ने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘जोखिम वाले’’ देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और विशिष्ट श्रेणी के यात्रियों के नमूने की पहले दिन और आठवें दिन जांच ईमानदारी से की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ‘‘जोखिम वाले’’ देशों के अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को आरटी-पीसीआर की जांच रिपोर्ट उपलब्ध होने तक हवाई अड्डों पर इंतजार करने की तैयारी करने की सलाह दी जा रही है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने बताया कि ऐसा नहीं है कि ओमीक्रोन स्वरूप आरटी-पीसीआर और आरएटी जांच की पकड़ में नहीं आता और इसलिए, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी मामले की शीघ्र पहचान के लिए जांच तेज करें।
इस बीच, केंद्र ने राष्ट्रव्यापी कोविड-19 रोकथाम उपायों को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी 25 नवंबर की सलाह का सख्ती से पालन करने के लिए कहा है।
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