देश की खबरें | बीजापुर में मारे गए आठ पुलिसकर्मियों में से पांच नक्सलवाद छोड़कर पुलिस बल में शामिल हुए थे

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को माओवादी विस्फोट में मारे गए आठ सुरक्षाकर्मियों में से पांच सुरक्षाकर्मी नक्सलवाद छोड़कर पुलिस बल में शामिल हुए थे। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

रायपुर, सात जनवरी छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को माओवादी विस्फोट में मारे गए आठ सुरक्षाकर्मियों में से पांच सुरक्षाकर्मी नक्सलवाद छोड़कर पुलिस बल में शामिल हुए थे। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि विस्फोट में मारे गए जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के हेड कांस्टेबल बुधराम कोरसा और कांस्टेबल डूम्मा मरकाम, पंडरू राम एवं बामन सोढ़ी तथा बस्तर फाइटर्स के कांस्टेबल सोमडू वेट्टी सुरक्षाबल में शामिल होने से पहले नक्सली के रूप में सक्रिय थे। वे आत्मसमर्पण करने के बाद पुलिस में शामिल हुए थे।

सुंदरराज ने बताया कि कोरसा और सोढ़ी बीजापुर जिले के निवासी थे, जबकि तीन अन्य पड़ोसी दंतेवाड़ा जिले के थे।

उन्होंने बताया कि पिछले साल सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।

जिले के कुटरू थाना क्षेत्र के अंबेली गांव के पास सुरक्षाकर्मियों के काफिले में शामिल एक वाहन को नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट करके उड़ा दिया था। इस घटना में सुरक्षाबल के आठ जवानों और वाहन चालक की मौत हो गई। मृतकों में डीआरजी और बस्तर फाइटर्स के चार-चार जवान तथा एक वाहन चालक शामिल था। यह पिछले दो साल में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों पर किया गया सबसे बड़ा हमला है।

'माटी पुत्र' कहे जाने वाले डीआरजी कर्मियों की भर्ती बस्तर संभाग के स्थानीय युवाओं और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से की जाती है। इसे राज्य में अग्रिम पंक्ति का नक्सल विरोधी बल माना जाता है।

डीआरजी को सबसे पहले 2008 में कांकेर (उत्तर बस्तर) और नारायणपुर (अबूझमाड़ सहित) जिलों में स्थापित किया गया था तथा पांच साल के अंतराल के बाद 2013 में बीजापुर और बस्तर जिलों में बल का गठन किया गया। इसके बाद 2014 में सुकमा और कोंडागांव जिलों में इसका विस्तार किया गया। दंतेवाड़ा में बल का गठन 2015 में किया गया।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\