देश की खबरें | ओडिशा: महाराष्ट्र से लाई गई बाघिन को सिमिलिपाल के बाड़े में छोड़ा गया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. महाराष्ट्र से लाई गई एक बाघिन को सोमवार सुबह ओडिशा के मयूरभंज जिले में सिमिलिपाल बाघ अभयारण्य (एसटीआर) के मुख्य क्षेत्र के एक बाड़े में सुरक्षित छोड़ दिया गया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
बारीपदा (ओडिशा), 28 अक्टूबर महाराष्ट्र से लाई गई एक बाघिन को सोमवार सुबह ओडिशा के मयूरभंज जिले में सिमिलिपाल बाघ अभयारण्य (एसटीआर) के मुख्य क्षेत्र के एक बाड़े में सुरक्षित छोड़ दिया गया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
बाघिन को महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी बाघ अभयारण्य (टीएटीआर) से लाया गया था।
एसटीआर के फील्ड निदेशक प्रकाश चंद गोगिनेनी ने बयान में कहा, ‘‘बाघिन को सुबह नौ बजकर 25 मिनट पर सिमिलिपाल के मुख्य क्षेत्र में लगभग दो हेक्टेयर के एक बाड़े में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया। बाघिन सक्रिय और स्वस्थ है।’’
टीएटीआर से शनिवार की सुबह पकड़ी गई इस बाघिन की उम्र करीब ढाई साल है और इसे रविवार अपराह्न सिमिलिपाल लाया गया।
वन अधिकारियों ने बताया कि यह बाड़ा सिमिलिपाल दक्षिण प्रभाग के मुख्य क्षेत्र में बनाया गया है, जहां बाघिन को जंगल में छोड़े जाने से पहले कम से कम एक से दो सप्ताह तक निगरानी में रखा जाएगा।
बाघिन को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की अनुमति से ही यहां स्थानांतरित किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि ताडोबा-अंधारी बाघ अभयारण्य से दो बाघिन को एसटीआर में छोड़ा जाएगा और उनमें से एक पहले ही यहां पहुंच चुकी है।
ओडिशा का बाघों को स्थानांतरित करने का यह दूसरा प्रयास था। इससे पहले 2018 में राज्य सरकार ने सतकोसिया बाघ अभयारण्य में बाघों को स्थानांतरित करने का प्रयास किया था, जहां अब बाघ नहीं हैं।
सिमिलिपाल में बाघिन के आने से राज्य में बाघों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है, जिनमें से 28 बाघ एसटीआर में हैं। एसटीआर में मेलेनिस्टिक बाघों की एक अनूठी आबादी है।
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