देश की खबरें | किसानों को लेकर अब ‘जुमलों’ का नहीं, जवाब देने का समय: कांग्रेस

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि अब ‘जुमलों’ का नहीं, बल्कि जनता को जवाब देने का समय है।

नयी दिल्ली, 29 फरवरी कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि अब ‘जुमलों’ का नहीं, बल्कि जनता को जवाब देने का समय है।

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘गारंटी’ फर्जी निकली और इस सरकार में किसानों की हालत बदतर हो गई।

खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘16 साल पहले, कांग्रेस-संप्रग सरकार ने 3.73 करोड़ किसानों का 72,000 करोड़ रुपये का कृषि ऋण व ब्याज़ माफ़ किया था। ये कांग्रेस की गारंटी थी जो पूरी हुई।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘मोदी जी ने किसानों से दो बड़े वादे किए। पहला, लागत पर 50 प्रतिशत एमएसपी और दूसरा वादा 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का था। ये ‘मोदी की गारंटी’ फ़र्ज़ी निकली और किसानों की हालत बदतर हुई।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अब कांग्रेस ने फ़िर से किसानों से वादा किया है कि हम 15 करोड़ किसान परिवारों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देंगे। केवल कांग्रेस ही अपनी गारंटी पूरी करती है। जय किसान, जय हिंदुस्तान।’’

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मध्य प्रदेश में भाजपा के वादे का उल्लेख करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘2014 में भाजपा ने अपने घोषणापत्र में किसानों के लिए उत्पादन लागत पर न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करने का वादा किया था। 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मध्य प्रदेश के किसानों से 2700 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं और 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदने का वादा किया था। लेकिन आज केंद्र सरकार द्वारा गेहूं की एमएसपी मात्र 2275 रुपये ही तय की गई है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार अपने वादे के अनुसार गेहूं खरीद के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘ आपकी डबल इंजन सरकार हमारे किसानों को न्याय दिलाने में क्यों विफल रही है?’’

रमेश ने कहा, ‘‘चुनाव में महिलाओं का वोट लेने के लिए लाडली बहना योजना के तहत 3000 रुपये प्रति महीने देने का वादा किया गया था। चुनाव जीतने के बाद सरकार ने यह वादा पूरा करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। हाल ही में विधानसभा में उसने कहा कि इस वादे के लिए कोई समय सीमा निर्धारित करना "संभव नहीं" है। क्या यह ‘मोदी की गारंटी’ एक और चुनावी जुमला है?’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘पिछले कुछ महीनों में मध्य प्रदेश में आदिवासियों के ख़िलाफ़ अपराध के मामले बढ़ गए हैं। आदिवासियों के ख़िलाफ़ अत्याचार के मामले में मध्य प्रदेश नंबर वन राज्य है। भाजपा नेता द्वारा एक आदिवासी युवक पर पेशाब करने के मामले ने पूरे देश का सिर शर्म से झुका दिया था।’’

रमेश ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री के पास आदिवासी कल्याण और सामाजिक न्याय के लिए कोई दृष्टिकोण है?

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, जुमले बहुत हो गए, अब जनता को जवाब देने का समय है।’’

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘15 साल पहले, संप्रग ने 60,000 करोड़ रुपये की कृषि ऋण माफी की ऐतिहासिक घोषणा की थी। उस राष्ट्रव्यापी कृषि ऋण माफी से भारत भर के सभी अन्नदाताओं को भारी राहत मिली। इस बार हमने एमएसपी की कानूनी गारंटी का वादा किया है। हमने हमेशा किसानों के कल्याण को प्राथमिकता दी है और यह सुनिश्चित किया है कि कठिन समय के दौरान उनके पास सुरक्षा कवच हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज, जब हमारे किसानों को चुप कराया जा रहा है, उन्हें राष्ट्र-विरोधी माना जा रहा है और किसानों की आय दोगुनी करने का वादा विफल हो गया है। ऐसे में एक बार फिर स्पष्ट है कि केवल कांग्रेस ही हमारे किसानों को उनके दुख से बचा सकती है।’’

हक

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