जरुरी जानकारी | भारत का पाम तेल का मुख्य केन्द्र बनेगा पूर्वोत्तर क्षेत्र: तोमर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अगले पांच वर्ष में राष्ट्रीय खाद्य तेल-तेल पाम (एनएमईओ-ओपी) मिशन के जरिये 11,040 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे पूर्वोत्तर के राज्य देश के पाम तेल केन्द्र में बदल जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र के किसानों के सामाजिक-आर्थिक जीवन में बदलाव आएगा।
गुवाहाटी, पांच अक्टूबर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अगले पांच वर्ष में राष्ट्रीय खाद्य तेल-तेल पाम (एनएमईओ-ओपी) मिशन के जरिये 11,040 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे पूर्वोत्तर के राज्य देश के पाम तेल केन्द्र में बदल जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र के किसानों के सामाजिक-आर्थिक जीवन में बदलाव आएगा।
तोमर ने कहा कि पाम तेल की खेती का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज से क्षेत्र में निवेश आएगा। इससे खाद्य तेल मिलों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री (डोनर) जी किशन रेड्डी ने निवेशकों और उद्योगपतियों से पूर्वोत्तर क्षेत्र में निवेश करने का आग्रह किया, जहां कृषि क्षेत्र, विशेष रूप से पाम तेल की अपार संभावनाएं हैं।
अगस्त में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले पांच वर्षों में पाम तेल पौधों की घरेलू खेती को बढ़ावा देने और खाद्य तेल के आयात पर देश की निर्भरता को कम करने के लिए 11,040 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ खाद्य तेल-तेल पाम (एनएमईओ-ओपी) पर राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी दी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले में अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान नई केंद्रीय योजना की घोषणा की थी जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।
एक व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, तोमर ने कहा, ‘‘पाम तेल को बढ़ावा देने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में प्रमुख हस्तक्षेप करने का सरकार का निर्णय, पूर्वोत्तर राज्यों को देश के पाम तेल केंद्रों में बदल देगा।’’
एक सरकारी बयान में तोमर के हवाले से कहा गया है, ‘‘पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एक विशेष पैकेज और सहायता से किसानों की सामाजिक आर्थिक स्थिति बदल जाएगी और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ स्थापित पाम तेल मिलों में रोजगार के अवसर खुलेंगे।’’
लॉजिस्टिक की सहायता प्रदान करने के लिए असम सरकार को धन्यवाद देते हुए तोमर ने कहा कि नई योजना निश्चित रूप से खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त करेगी और भारत को 'आत्मनिर्भर भारत' की राह पर ले जाएगी।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि यह निवेशकों के लिए आने और उत्तर-पूर्व में बड़े पैमाने पर निवेश करने का समय है, ताकि उपजाऊ भूमि और जलवायु का लाभ उठाकर कृषि क्षेत्र का विकास किया जा सके।
असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने कहा कि वर्तमान में असम के दो जिलों- गोलपरंद और कामरूप में किसान पाम तेल की खेती में लगे हुए हैं, जबकि अन्य 17 जिलों में 1,500 हेक्टेयर भूमि को पाम तेल की खेती के तहत लाने की योजना है।
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
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