भुवनेश्वर, चार अक्टूबर सरकारी नौकरियों में वर्तमान राज्य स्तरीय भर्ती के बजाय जिला स्तर पर नियुक्ति की मांग को लेकर संयुक्त कार्रवाई समिति द्वारा आहूत 12 घंटे के बंद के कारण शुक्रवार को दक्षिणी ओडिशा के कोरापुट, नबरंगपुर, मलकानगिरी और रायगढ़ जिलों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।
सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक आहूत बंद को 45 जन संगठनों और विपक्षी दलों बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस ने समर्थन दिया।
आंदोलन करने वालों ने कहा कि जो लोग उन्नत जिलों से हैं, वे सरकारी नौकरियों के लिए योग्य हैं, जबकि स्थानीय युवाओं को दक्षिणी ओडिशा के पिछड़ेपन के चलते उनके साथ मुकाबला करने में समस्या होती है।
व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे, जबकि सार्वजनिक परिवहन और निजी वाहनों की आवाजाही भी बंद थी। हाईवे पर ट्रकों की लंबी कतारें देखी गईं।
कांग्रेस के जयपुर विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति ने कहा, "कोरापुट के लोगों को कनिष्ठ शिक्षक और स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभागों में ग्रेड सी और डी पदों जैसी नौकरियां मिलनी चाहिए। कोरापुट में शामिल होने वाले अन्य जिलों के उम्मीदवार अपने संबंधित जिलों में स्थानांतरण पाने में कामयाब हो जाते हैं, जिससे कोरापुट में शिक्षकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी संख्या में रिक्तियां पैदा हो जाती हैं।"
बीजद नेता और नबरंगपुर के पूर्व सांसद प्रदीप माझी ने कहा कि भाजपा सरकार को स्थानीय युवाओं के लिए नौकरियां सुनिश्चित करने और सरकारी विभागों में जिलेवार नियुक्तियां करने के चुनाव के दौरान लोगों से किए गए अपने वादों को पूरा करना चाहिए।
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