जरुरी जानकारी | 'कौशल वाले खेलों' की पेशकश पर गेमिंग मंच को कर नोटिस का मतलब नहींः उच्च न्यायालय
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि अगर अदालतों की तरफ से पहले ही 'कौशल के खेल' घोषित किए जा चुके गेम किसी ऑनलाइन गेमिंग मंच पर उपलब्ध हैं तो उस कंपनी को 21,000 करोड़ रुपये के कर नोटिस देने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
बेंगलुरु, 28 अक्टूबर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि अगर अदालतों की तरफ से पहले ही 'कौशल के खेल' घोषित किए जा चुके गेम किसी ऑनलाइन गेमिंग मंच पर उपलब्ध हैं तो उस कंपनी को 21,000 करोड़ रुपये के कर नोटिस देने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने कर्नाटक के ऑनलाइन गेमिंग मंच ‘गेम्सक्राफ्ट’ को 21,000 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है जिसे कंपनी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी हुई है।
यह नोटिस आठ सितंबर को भेजा गया था जिसमें कंपनी के कुल लेनदेन पर 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने की बात कही गई है।
न्यायमूर्ति एसआर कृष्ण कुमार की पीठ को कंपनी की तरफ से यह बताया गया कि यह मंच केवल ‘कौशल वाले खेलों’ का परिचालन करती है, ‘किस्मत वाले खेलों’ का नहीं।
कंपनी की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि रमी के खेल को कई उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय ने ‘कौशल का खेल’ बताया है और इस मंच पर खेले जाने वाले खेलों में से 96 फीसदी खेल इसी तरह के हैं।
जीएसटी आसूचना महानिदेशालय ने दावा किया था कि इस मंच पर जुआ खेलने से जुड़ी गतिविधियां संचालित की जाती हैं।
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