खेल की खबरें | अब असफलता से नहीं डरता: कुलदीप यादव

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Sports at LatestLY हिन्दी. बायें हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव ने कहा कि जब भारतीय टीम में उन्होंने अपना स्थान गंवा दिया था तो वह नहीं जानते थे कि इसका सामना कैसे करें लेकिन चोट के कारण लंबे समय तक बाहर रहने के बाद उन्हें अपनी लय बदलने का फायदा मिल रहा है जिससे अब वह असफलता से भयभीत नहीं होते हैं।

चेन्नई, 25 सितंबर बायें हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव ने कहा कि जब भारतीय टीम में उन्होंने अपना स्थान गंवा दिया था तो वह नहीं जानते थे कि इसका सामना कैसे करें लेकिन चोट के कारण लंबे समय तक बाहर रहने के बाद उन्हें अपनी लय बदलने का फायदा मिल रहा है जिससे अब वह असफलता से भयभीत नहीं होते हैं।

उत्तर प्रदेश के 27 साल के इस गेंदबाज ने रविवार को न्यूजीलैंड ए के खिलाफ दूसरे अनाधिकृत वनडे में भारत ए की जीत में हैट्रिक सहित चार विकेट झटककर अहम भूमिका निभायी।

कुलदीप ने मैच के बाद कहा, ‘‘मैं नहीं जानता था कि काफी ‘गेम टाइम’ नहीं मिलने का सामना किस तरह से करूं। चोट से उबरने के लिये चार महीने तक बाहर रहने के बाद मैंने महसूस किया कि मुझे तेजी से गेंद फेंकने की जरूरत है और मैंने इस पर काम करना शुरू किया। मैं अब असफलता से नहीं डरता।’’

कुलदीप ने भारत के लिये सात टेस्ट, 69 वनडे और 25 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल के साथ उनकी जोड़ी ‘कुलचा’ के रूप में मशहूर हो गयी लेकिन वह खराब फॉर्म और चोटों के कारण राष्ट्रीय टीम से अंदर बाहर होते रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘जब आप विफल होते तो आप सीखते हो। जब मैंने जनवरी में भारतीय टीम में वापसी की तो मैं असफलता से भयभीत नहीं था, मैं खेल का आनंद लेना चाहता था। मेरा ध्यान अच्छी लेंथ की गेंद फेंकने पर लगा था क्योंकि विकेट मिलना मेरे हाथों में नहीं था। मैं सिर्फ अच्छी लाइन एवं लेंथ में गेंदबाजी करना चाहता था। ’’

कुलदीप ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो जब मैं चोटिल हुआ और इसके बाद वापसी करने के लिये मुझे मेरी लय समझना बहुत महत्वपूर्ण था। मैं थोड़ा धीमा था। सर्जरी के बाद मैंने उस लय में बदलाव किया, मैं अधिक नियंत्रण से गेंदबाजी करने लगा। ’’

कुलदीप को पिछले साल सितंबर में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान घुटने की चोट लगने के बाद सर्जरी करानी पड़ी।

लंबे रिहैब के बाद उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की वनडे श्रृंखला में शामिल किया गया और फरवरी में श्रीलंका के खिलाफ तीन टी20 मैचों में भी उन्हें चोटिल वाशिंगटन सुंदर की जगह लिया गया।

लेकिन वह वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाफ केवल एक एक मैच खेले। उन्हें जून में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला से पहले नेट में बल्लेबाजी करते हुए फिर हाथ में चोट लग गयी।

कलाई की चोट से उबरने के बाद वह पिछले महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में खेले थे। फिर वह जिम्बाब्वे के खिलाफ तीन वनडे की श्रृंखला में भी खेले।

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