देश की खबरें | एनएमसी ने पोर्टल पर डॉक्टरों का पंजीकरण शुरू किया, सभी डॉक्टरों को मिलेगी विशिष्ट पहचान संख्या

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नयी दिल्ली, 15 सितंबर राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने हाल में शुरू किए गए पोर्टल पर भारत में प्रैक्टिस करने के पात्र सभी एमबीबीएस डॉक्टरों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

इस कवायद के तहत सभी डॉक्टरों को एक विशिष्ट पहचान संख्या मिलेगी।

नेशनल मेडिकल रजिस्टर रजिस्टर (एनएमआर) एक डेटाबेस है, जिसमें केंद्रीयकृत रूप से सभी पंजीकृत डॉक्टरों की जानकारी दर्ज होगी और उनकी प्रामाणिकता आधार आईडी द्वारा सत्यापित की जाएगी।

एनएमसी के सचिव डॉ. बी. श्रीनिवास ने कहा, “एनएमआर तत्काल प्रभाव से पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिनर्स (आरएमपी) के पंजीकरण के लिए तैयार है।”

एनएमसी ने हाल में एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि भारतीय चिकित्सा रजिस्टर (आईएमआर) पर पंजीकृत सभी एमबीबीएस डॉक्टरों को एनएमआर पर फिर से पंजीकरण कराना होगा। इसने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेज/संस्थान, राज्य चिकित्सा परिषद (एसएमसी) पोर्टल पर आपस में जुड़े हुए हैं।

नोटिस में कहा गया है कि कुछ डेटा आम जनता देख सकेगी, जबकि अन्य जानकारियां सिर्फ एनएमसी के एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड (ईएमआरबी), एसएमसी, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) और आरएमपी को जरूरत पड़ने पर ही देख पाएंगी।

पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करने के लिए, डॉक्टरों को अपना आधार कार्ड, एमबीबीएस डिग्री प्रमाण पत्र की डिजिटल प्रति और उस राज्य चिकित्सा परिषद/भारतीय चिकित्सा परिषद के पंजीकरण प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी, जहां डॉक्टर ने पहली बार पंजीकरण कराया था।

पंजीकरण और योग्यता संबंधी विवरण खुद दर्ज किए जा सकते हैं तथा पोर्टल के माध्यम से जमा किए जा सकते हैं।

इसके बाद, आवेदन सत्यापन के लिए संबंधित एसएमसी को भेजा जाएगा। एसएमसी फिर आवेदन को आगे की समीक्षा के लिए संबंधित कॉलेज या संस्थान को भेजेगा। सफल सत्यापन के बाद, आवेदन एनएमसी को भेजा जाएगा।

एनएमसी द्वारा सत्यापन के बाद, एक विशिष्ट एनएमआर आईडी जारी की जाएगी। नोटिस में कहा गया है कि इस प्रक्रिया के दौरान, डॉक्टर स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता पंजी में शामिल होने का विकल्प चुन सकते हैं, जो उन्हें व्यापक डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल ‘इकोसिस्टम’ से जोड़ेगा।

एक अधिकारी ने पहले बताया था, “ आज तक, ऐसे व्यापक डेटा की कमी थी, जो देश में कुल डॉक्टरों की संख्या, देश छोड़कर चले गए डॉक्टरों, प्रैक्टिस करने का लाइसेंस खो चुके डॉक्टरों या जान गंवाने वाले डॉक्टरों की संख्या और विवरण जैसे पहलुओं की विस्तृत और समग्र तस्वीर पेश कर सके। एनएमआर के शुरू होने से 13 लाख से ज़्यादा डॉक्टरों का डेटा उपलब्ध हो सकेगा।”

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने एनएमआर पोर्टल की 23 अगस्त को शुरुआत की थी।

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