विदेश की खबरें | विश्लेषकों ने कहा, विद्रोही सैनिकों को धमकी देने वाले क्षेत्रीय गुट पर नाइजर के जुंटा का पलड़ा भारी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. विश्लेषकों का कहना है कि कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की गई है और ऐसा प्रतीत होता है कि तख्तापलट करने वाले नेताओं ने धमकी जारी करने वाले क्षेत्रीय गुट पर बढ़त हासिल कर ली है।
विश्लेषकों का कहना है कि कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की गई है और ऐसा प्रतीत होता है कि तख्तापलट करने वाले नेताओं ने धमकी जारी करने वाले क्षेत्रीय गुट पर बढ़त हासिल कर ली है।
पश्चिम अफ्रीकी गुट ईसीओडब्ल्यूएएस ने नाइजर के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को अपदस्थ करने वाले विद्रोही सैनिकों को उन्हें रिहा करने और बहाल करने के लिए पिछले रविवार तक का समय दिया था और ऐसा नहीं करने पर सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
इस गुट ने बृहस्पतिवार को नाइजर में संवैधानिक शासन बहाल करने के लिए एक ‘आरक्षित’ बल की तैनाती का आदेश दिया। नाइजीरिया, बेनिन, सेनेगल और आइवरी कोस्ट ने कहा कि वे उक्त अभियान में सैनिकों का योगदान देंगे।
कुछ पर्यवेक्षकों ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि सैनिक कब और कैसे तैनात किए जाएंगे या नहीं तैनात किए जाएंगे। इस कदम को अमल में लाने में हफ्तों या महीनों का समय लग सकता है।
थिंक टैंक कोनराड एडेनॉयर फाउंडेशन में सहेल कार्यक्रम के प्रमुख उल्फ लेसिंग ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि तख्तापलट करने वाले जीत गए हैं और बने रहेंगे... उनके पास सभी कार्ड हैं और उन्होंने अपना शासन मजबूत कर लिया है।’’
लेसिंग ने कहा कि ईसीओडब्ल्यूएएस के सैन्य रूप से हस्तक्षेप करने और नाइजर को गृह युद्ध में घसीटने का जोखिम उठाने की संभावना नहीं है।
उन्होंने कहा कि इसके बजाय ईसीओडब्ल्यूएएस और पश्चिमी देश जुंटा पर एक छोटी संक्रमणकालीन अवधि के लिए सहमत होने का दबाव डालेंगे।
लेसिंग ने कहा कि यूरोप और अमेरिका के पास क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग जारी रखने के लिए जुंटा को मान्यता देने के अलावा बहुत कम विकल्प होंगे।
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