देश की खबरें | नदी में औद्योगिक अपशिष्ट फेंकने को लेकर उप्र में मांस प्रसंस्करण कंपनी को एनजीटी का नोटिस
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नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक मांस प्रसंस्करण कंपनी द्वारा कथित तौर पर नदी में औद्योगिक अपशिष्ट फेंके जाने के मामले में राज्य सरकार और अन्य से जवाब मांगा है।
हरित अधिकरण ‘इंडिया फ्रोजन फूड्स प्राइवेट लिमिटेड’ पर यह आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है कि औद्योगिक अपशिष्ट को वह (कंपनी) गंगा की सहायक सोत नदी में फेंक रही है। इसमें अपशिष्ट पदार्थ और पशुओं का खून भी शामिल है।
शिकायत के अनुसार, फैक्टरी के निकट के इलाके में बदबू आती है, क्योंकि इसकी ‘बायो-फिल्टर’ इकाई काम नहीं कर रही।
हाल में दिए गए आदेश में, अधिकरण के अध्यक्ष प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों पर गौर किया, जिसके अनुसार, कंपनी के पास 350 पशुओं का वध करने की स्वीकृत क्षमता है, लेकिन वह 700 से अधिक पशुओं का वध कर रही है।
पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल हैं।
अधिकरण ने कहा कि याचिका में पर्यावरण मानदंडों के अनुपालन के संबंध में ‘‘महत्वपूर्ण मुद्दा’’ उठाया गया है।
अधिकरण ने कहा, ‘‘प्रतिवादियों को हलफनामे के माध्यम से अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाए।’’
प्रतिवादियों में उत्तर प्रदेश राज्य, उसका प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, इंडियन फ्रोजन फूड्स प्राइवेट लिमिटेड और संबंधित जिलाधिकारी शामिल हैं।
मामले में आगे की कार्यवाही के लिए 14 जनवरी की तिथि निर्धारित की गई है।
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